BIHARभ्रष्टाचार

शिक्षा विभाग के उपनिदेशक वीरेंद्र नारायण पर विजिलेंस का शिकंजा

जन एक्सप्रेस/बिहार: बिहार से एक बड़ी और चौंकाने वाली खबर सामने आई है… भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रही विजिलेंस की लगातार कार्रवाई ने एक बार फिर बड़े अधिकारी तक दस्तक दी है। जी हाँ, शिक्षा विभाग में कार्यरत उपनिदेशक वीरेंद्र नारायण के ठिकानों पर गुरुवार सुबह-सुबह विजिलेंस की टीम ने ताबड़तोड़ छापेमारी की। बताया जा रहा है कि वीरेंद्र नारायण फिलहाल तिरहुत प्रमंडल में तैनात हैं और उन पर तीन करोड़ 76 लाख रुपये से अधिक की आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का गंभीर आरोप है। सूत्रों के मुताबिक, यह छापेमारी पटना, पूर्णिया और मुजफ्फरपुर में एक साथ की गई है। टीम सुबह-सुबह जैसे ही उनके आवास और दफ्तर पहुँची, अफरा-तफरी का माहौल बन गया। अचानक हुई इस कार्रवाई से अधिकारी के होश उड़ गए।

फिलहाल, विजिलेंस की टीम अलग-अलग जगहों से कागजात और अन्य दस्तावेजों को खंगाल रही है। हालांकि, अब तक यह साफ नहीं हो पाया है कि छापेमारी में क्या-क्या बरामद हुआ है। इस बारे में विस्तृत जानकारी विजिलेंस की ओर से बाद में साझा की जाएगी। लेकिन इतना तय है कि शिक्षा विभाग में बड़े पद पर बैठे इस अधिकारी के खिलाफ हुई इस कार्रवाई ने पूरे महकमे में हड़कंप मचा दिया है। दोस्तों, भ्रष्टाचार के खिलाफ बिहार में लगातार शिकंजा कस रहा है। आपको याद दिला दें, अभी दो दिन पहले ही यानी 9 सितंबर को बेगूसराय में विजिलेंस की टीम ने डंडारी प्रखंड के अंचलाधिकारी राजीव कुमार को 2 लाख रुपये रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया था। यही नहीं, उसी दिन मधेपुरा जिले से भी बड़ी खबर आई थी… जहाँ मठाही पुलिस शिविर प्रभारी, सब इंस्पेक्टर मितेंद्र मंडल को 20 हजार रुपये घूस लेते रंगे हाथों पकड़ा गया।

लगातार हो रही इन कार्रवाइयों से साफ है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ विजिलेंस अब सख्त तेवर में है। हर कार्रवाई के बाद कुछ दिन तक हड़कंप जरूर मचता है, लेकिन कुछ ही समय बाद हालात फिर से वैसे ही हो जाते हैं। शिक्षा विभाग में कार्यरत वीरेंद्र नारायण का मामला भी कुछ ऐसा ही है। जिस विभाग की जिम्मेदारी बच्चों के भविष्य को संवारने की हो… वहीं के उच्च अधिकारी पर करोड़ों की बेनामी संपत्ति का आरोप लगना न सिर्फ विभाग की छवि पर सवाल खड़े करता है, बल्कि सरकारी सिस्टम की पोल भी खोल देता है।

 

 

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