लालू प्रसाद यादव शाम ढलते ही 1 अणे मार्ग क्यों पहुंचे
पटना: बिहार की राजनीति में उल्टी गंगा बहने लगी है। कांग्रेस के ‘जन नायक’ राहुल गांधी अचानक से सांसद मीसा भारती के घर राजद सुप्रीमों लालू प्रसाद से मिलने चले आते हैं। वहीं राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद भी दिल्ली से लौटते ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलने चले जाते हैं। इस मिलन कार्यक्रम ने बिहार की राजनीति को गर्माहट से भर दिया है। आमतौर पर उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव सीएम नीतीश कुमार से मिलने जाते रहे हैं, पर लालू प्रसाद का नीतीश कुमार के सरकारी आवास पर जाना लगभग नहीं के बराबर होता रहा। हां, इधर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बीमार पड़े थे तो राष्ट्रीय जनता दल अध्यक्ष लालू प्रसाद उन्हें देखने सीएम हाउस 1 अणे मार्ग आए थे। लेकिन, यह मुलाकात औपचारिक नहीं है।
पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव सोमवार को शाम ढलने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलते हैं और करीब 45 मिनट तक विचार विमर्श होता है। राजनीतिक जगत में इसके निहितार्थ निकाले जा रहे हैं। जानिए क्यों खास है ये मुलाकात?
तो मंत्रिमंडल विस्तार की अपूर्ण सूची पूर्ण हुई?
कांग्रेस के विश्वस्त सूत्रों की माने तो मंत्रिपरिषद विस्तार पर अब तक जो ग्रहण लगा उसकी वजह राजद में मंत्री के नाम को लेकर असमंजस कायम है। वैसे कुछ समय तो यह तय करने में बीत गया कि कांग्रेस से एक मंत्री बनेंगे या दो। इस मसले का हल तब निकाला जब राहुल गांधी विपक्षी एकता की मुहिम की पहली बैठक में पटना आए थे। तब लौटने के क्रम में नीतीश कुमार से राहुल गांधी से मिलकर विस्तार को हरी झंडी दे दी। तभी राजद और कांग्रेस से नीतीश कुमार ने नाम भेजने को कहा था। पर वह मामला टलते दिखा तो इसकी कई वजह भी थी।
राजद के अपने द्वंद!
राजद के भीतर मंत्री पद के दावेदारों को लेकर दो थ्योरी चल रही है। एक तो सुधाकर सिंह और कार्तिकेय सिंह को रिपीट किया जाए। दूसरा इनका रिप्लेसमेंट इन्हीं की जाति के नेता से कर दिया जाय। पर राजनीतिक सूत्र बताते हैं कि नीतीश कुमार सुधाकर सिंह और कार्तिकेय सिंह को दोबारा मंत्री बनाने के पक्ष में नहीं थे। राजद रणनीतिकारों की मजबूरी यह थी कि सुधाकर सिंह के पिता राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के पुत्र हैं, तो कार्तिकेय सिंह बाहुबली अनंत सिंह के दाहिने हांथ।