सांस्कृतिक दृष्टि से हमें एकता के सूत्र में जोड़ते हैं : योगी
गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को भगवान भोलेनाथ की महिमा का बखान करते हुए कहा कि द्वादश ज्योतिर्लिंग हमारी समृद्ध आध्यात्मिक विरासत होने के साथ सांस्कृतिक दृष्टि से हमें एकता के सूत्र में जोड़ते हैं। रविवार को गोरखनाथ मंदिर में आयोजित सप्त दिवसीय श्री विष्णु महापुराण कथा के विश्राम दिवस पर व्यासपीठ के समक्ष अपने संबोधन में गोरक्षपीठ के महंत और मुख्यमंत्री योगी ने कहा, आध्यात्मिक दृष्टि से देखें तो संपूर्ण सृष्टि पर भोलेनाथ की कृपा है और देश में उत्तर से दक्षिण तक, पूरब से पश्चिम तक भगवान शिव के ज्योतिर्लिंग व मंदिर हैं।
द्वादश ज्योतिर्लिंग हमारी समृद्ध आध्यात्मिक विरासत होने के साथ सांस्कृतिक दृष्टि से हमें एकता के सूत्र में जोड़ते हैं।” योगी ने कहा “पूरब में बैद्यनाथ धाम है तो पश्चिम में सोमनाथ धाम। काशी में बाबा विश्वनाथ धाम तो मध्य प्रदेश में महाकालेश्वर व ओंकारेश्वर धाम। उत्तर के हिमालय पर केदारनाथ विराजमान हैं तो सुदूर दक्षिण में रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग के रूप में भगवान शिव का आशीर्वाद है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान श्रीराम ने लंका पर विजय प्राप्त करने के लिए रामेश्वरम में सेतुबंध का निर्माण किया था और इसके लिए उन्होंने यहीं पर शिव जी की आराधना की थी। भगवान श्रीराम ने महादेव की महिमा बताते हुए कहा था कि शिव द्रोही के लिए धरती पर कोई जगह नहीं है।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भगवान शिव भोले हैं, वह बहुत शीघ्र भक्तों पर अनुग्रह करते हैं। प्राचीन काल से ही सुर-असुर दोनों ने उनकी पूजा की। यह उनका महात्म्य है तभी वह महादेव कहलाते हैं। शिव का अर्थ ही है कल्याण। उन्होंने कहा कि आप सभी श्रद्धालु सौभाग्यशाली हैं कि आपको एक सप्ताह से शिवावतार गुरु गोरखनाथ की साधना स्थली पर श्री शिव महापुराण के मर्मज्ञ संत बालक दास के श्रीमुख से देवाधिदेव महादेव के विभिन्न रूपों के महात्म्य के श्रवण का अवसर प्राप्त हुआ।