मानिकपुर क्षेत्र के छेरिहा डाड़ी मे धड़ल्ले से हो रहा अवैध खनन,धृतराष्ट्र बने जिम्मेदार
वनक्षेत्र मे अवैध तरीके से तोड़े जा रहे पत्थर

जन एक्सप्रेस । चित्रकूट
मानिकपुर तहसील क्षेत्र मे पत्थरों का अवैध खनन कर उसे बेंचने का गैरकानूनी धंधा इन दिनों बड़े जोरशोर से चल रहा है। खनिज संपदा के तस्कर रात के अंधेरे मे इस अवैध धंधे को अंजाम देने के साथ दिन के उजाले मे भी बेरोकटोक अवैध परिवहन को अंजाम दे रहे हैं।
मानिकपुर तहसील क्षेत्र के छेरिहा के डाड़ी कोलान के समीप शासकीय भूमि से खनन माफिया दिन रात अवैध खनन करके सरकार को खुली चुनौती दे रहे हैं। प्रशासन के नाक के नीचे दिन रात सरकारी जमीनों पर अवैध खनन होना कई प्रश्न खड़े करदिए हैं। मिट्टी और पत्थरों से भरे ट्रैक्टर निर्भीक होकर दिन रात सड़कों पर फर्राटे भर रहे हैं। लेकिन जिम्मेदार अधिकारी आंखों मे पट्टी बांधकर बैठे हैं। खनन माफिया प्रशासन पर इस कदर हावी है कि दिन रात सरकारी जमीनों पर अवैध खनन कर सरकार को करोड़ों रुपये के राजस्व का चूना लगा रहे हैं। मिट्टी और पत्थर से लदे ट्रैक्टर दिन रात सड़कों पर खुलेआम दौड़ रहे हैं। लोगों का कहना है कि ट्रैक्टर की आवाजों से दिन भर खेती करने वाले किसानों के कान गूंजते रहते हैं। पुलिस से शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं होती है। खनन करके जा रही ट्रैक्टर-ट्रालियां तेज रफ्तार से गुजरती हैं। जिससे सड़क हादसों मे भी इजाफा हो रहा है।
वनक्षेत्र मे भी अवैध तरीके से तोड़े जा रहे पत्थर
रानीपुर टाइगर रिजर्व के मारकुंडी वनपरिक्षेत्र भाग-2 के छेरिहा प्लांटेशन के आसपास भी अवैध तरीके से पत्थरों का तोड़ान किया जा रहा है। वन विभाग के अधिकारी वनों की सुरक्षा करने के बजाय अपने कार्यक्षेत्र से अक्सर गायब रहते हैं। जिससे खनन माफियाओं को अवैध खनन मे भारी सहूलियत मिल रही है। वैसे तो रानीपुर टाइगर रिजर्व क्षेत्र से एक से डेढ किमी. दूर तक किसी भी तरह के खनन पर सख्त मनाही है। लेकिन यहां तो खनिज संपदा के तस्करों की चांदी है। इस संबंध मे जब डिप्टी डायरेक्टर रानीपुर टाइगर रिजर्व से बात करने की कोशिश की गई तो उनका फोन ही नहीं उठा। उनका फोन न उठना यह पहली बार नहीं हुआ। न जाने वह अपना पक्ष देने से क्यों भयभीत रहते हैं।






