मुख्यमंत्री योगी की उपस्थिति में सलिल विश्नोई ने दाखिल किया एमएलसी का पर्चा
जन एक्सप्रेस संवाददाता
कानपुर नगर/लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधान परिषद की खाली हुई 12 सीटों के लिए सोमवार को नामांकन का आखिरी दिन रहा। अंतिम दिन कानपुर से तीन बार विधायक रहे सलिल विश्नोई ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ नामांकन कराया। उनके नामांकन कराते ही कानपुर की आर्य नगर विधान सभा सीट के लिए राजनीतिक चर्चाएं तेज हो गयी। माना जा रहा है कि इस सीट पर भाजपा किसी दूसरे राजनेता को मौका दे सकती है।
उत्तर प्रदेश विधान परिषद की 12 सीट के लिए होने वाले चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने दस उम्मीदवार उतारे हैं। सोमवार को राजधानी में विधान भवन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की मौजूदगी में भाजपा के दस उम्मीदवारों ने अपना-अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। इनमें कानपुर से तीन बार विधायक रहे व वर्तमान में प्रदेश उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाल रहे सलिल विश्नोई भी शामिल रहे। सलिल विश्नोई का विधान परिषद में जाना तय माना जा रहा है। ऐसे में अब आर्य नगर विधान सभा सीट के लिए राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं तेज हो गयी हैं। लोग कयास लगा रहे हैं कि इस सीट पर गैर वैश्य बिरादरी के किसी राजनेता को भाजपा उम्मीदवार बना सकती है। इसको लेकर गैर वैश्य खासकर ब्राह्मण राजनेताओं में अधिक उत्साह देखा जा रहा है और कई ब्राह्मण राजनेताओं ने हाईकमान तक अपनी पहुंच तेज कर दी।
वहीं यह भी माना जा रहा है कि सपा के विधायक अमिताभ बाजपेयी को हराने के लिए सलिल विश्नोई को विधान परिषद में भेजा जा रहा है। विधान परिषद सदस्य होने से सलिल विश्नोई अपने विधान सभा सीट पर विकास कार्य करा सकेंगे। यह तो आगामी विधान सभा चुनाव के पहले ही देखने को मिलेगा कि सलिल को दोबारा मौका मिलता है या नहीं। कुछ भी हो राजनेता यह मानकर चल रहे हैं कि आर्य नगर सीट पर भाजपा किसी दूसरे को मौका देगी। वहीं सलिल विश्नोई का कहना है कि मैं पार्टी का निष्ठावान सिपाही हूं और पार्टी जो भी जिम्मेदारी सौंपेगी उसका निर्वहन करुंगा।