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सत्संग की आधी घड़ी तप के वर्ष हजार तो भी बराबर है नहीं कहे कबीर विचार: संत रामपाल

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जन एक्सप्रेस/संवाददाता

लखनऊ। जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल महाराज का एक दिवसीय सत्संग का आयोजन श्याम शांति शादीघर, मुल्लाही खेड़ा में सम्पन्न हुआ।

संत जी का अद्भुत ज्ञान जो शास्त्रानुकूल है और वह ज्ञान अभी तक ढका छिपा था उस अनमोल ज्ञान को संत जी जन जन तक पहुंचा रहे हैं। पूर्ण परमात्मा जो परम सुखदायी है। जो समस्त पापों का नाश करने वाला है उसकी सही-सही जानकारी वेदों में व गीता में वर्णित है परंतु उसकी सही व्याख्या न प्राप्त होने के कारण जीव स्वर्ग नरक तथा 84 लाख योनियों में भ्रमण करता रहता है। आज संत रामपाल जी महाराज अध्यात्म की सही और सच्ची जानकारी (तत्वज्ञान) को प्रदान कर रहे हैं। उस सच्चे ज्ञान को प्राप्त कर लाखों-करोड़ों प्राणी अपने मानव जीवन को सफल कर रहे हैं।

तत्वदर्शी संत द्वारा दिए गये सद्ज्ञान मानव जहां मानव अपने जीवन को सफल कर रहे हैं वही समाज में फैली बुराइयों को भी दूर करने का अभियान चला रहे हैं। जातिवाद, नशा, भ्रष्टाचार, घूस खोरी ने हमारे समाज को बहुत पीड़ित कर रखा है। इसके साथ दहेज जैसी बुराई ने भी इस समाज को जकड़ रखा है। उक्त जानकारी मंडल कोऑर्डिनेटर भगत रामनारायण ने कही।

इस दहेज प्रथा को समाप्त करने के लिए संत रामपाल महाराज द्वारा लड़के व लड़कियों की रमैणी (विवाह) करायी जाती है। जिसमें कोई धनराशि नहीं खर्च की जाती है अर्थात  दहेज रहित विवाह। इस रमैणी में परमात्मा का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

इस सत्संग के आयोजन कर्ता मंडल कोऑर्डिनेटर भगत रामनारायण ने बताया कि सत्संग के पश्चात लोगों ने निशुल्क नाम दीक्षा प्राप्त की तथा भक्तों के लिए चाय पानी की व्यवस्था भी की गयी। तत्पश्चात एक रमैणी (बिना दहेज विवाह) करायी गयी।

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