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आश्रम 2 में भी कहानी वहीं, तीसरे सीजन का करना होगा इंतजार

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वेब सीरीज- आश्रम 2 द डार्क चैप्टर

निर्देशक – प्रकाश झा

प्लैटफॉर्म -मैक्स

एपिसोड -9

कलाकार -बॉबी देओल, चंदन रॉय सान्याल, दर्शन कुमार,अदिति पोहनकर, अनुप्रिया गोयनका, त्रिधा चौधरी,सचिन,

रेटिंग -ढाई

मैक्स प्लेयर की बहु चर्चित वेब सीरीज आश्रम का दूसरा सीजन आश्रम चैप्टर 2 द डार्क साइड दस्तक दे चुका है. पहले सीजन में धर्म और आस्था के नाम पर आम लोगों की भावनाओं से किस तरह से खिलवाड़ हो रहा है इसे दिखाया गया था. दूसरा सीजन चैप्टर 2 की टैगलाइन ही डार्क साइड है तो यहां बाबा निराला के और भी कई सारे काले कारनामे उजागर हो रहे हैं. महिलाओं का शोषण, युवाओं को लड्डू यानी नशे की लत के साथ साथ इस बार राजनीति में भी बाबा के बढ़ते वर्चस्व को दिखाया गया है.

इस सीजन में फ़ोकस किया गया है कि किस तरह से राजनीति धर्म का सहारा लेती है. जिसका फायदा ढोंगी बाबा किस तरह से उठाते हैं. इस सीजन कहानी बहुत ही धीमी गति से चलती है.जैसा कि सभी को पता है कि आश्रम के इन दोनों पार्ट्स की शूटिंग एक साथ ही हुई थी बाद में इन्हें दो भागों में बांट दिया गया था. आश्रम चैप्टर 1 की कहानी जहां खत्म हुई थी जो सवाल सीरीज खत्म होते हुए रह गए थे वह इस सीजन के खत्म होने पर भी रह गए हैं.

निर्देशक प्रकाश झा ने आश्रम के अगले सीजन का इंतजार क्यों रख दिया. यह बात अखरती है जबकि इसी सीजन में कहानी को खत्म किया जा सकता था. जिससे यह एक प्रभावी सीरीज बन सकती थी लेकिन ऐसा हुआ नहीं है. पम्मी अपने परिवार पर किए गए जुल्म का बदला ले पाएगी.क्या इंस्पेक्टर उजागर सिंह बाबा को बेकनाकब कर पाएंगे. राजनीति में सुंदरलाल और हुकुम सिंह में बाज़ी किसकी होगी. पिछले सीजन के ये सवाल इस सीजन भी खत्म नहीं हुए है.

इन सवालों के साथ साथ बाबा निराला का मोंटी के तौर अतीत क्या था. किसी ईश्वरनाथ की जमीन पर बाबा निराला का आश्रम है. उसका पेंच क्या है. कई हत्याओं से जुड़े राज भी उजागर होने बाकी है तो इंतजार चैप्टर 2 के आने के बाद भी बाकी रह गया है. चैप्टर 2 की कहानी में ऐसा को ट्विस्ट नज़र नहीं आया. जो चौंकाएं. राजनीति और धर्म की साठगांठ पुरानी है. इसमें प्रकाश झा कुछ रोचक या नया नहीं जोड़ पाए हैं. जिससे दर्शक अनजान हो. 9 एपिसोड वाली इस सीरीज में कई दृश्यों का दोहराव है. सीरीज मेकर्स को यह बात समझने की ज़रूरत है कि कहानी को 9 से 10 एपिसोड्स तक खींचने की ज़रूरत क्यों है उसे 6 से 7 एपिसोड्स में भी कहा जा सकता है.

अभिनय की बात करें तो इस सीरीज में सभी कलाकारों का काम उम्दा है. बॉबी देओल इस सीरीज में एक अलग अंदाज में नज़र आए हैं और इस सीजन भी अपने किरदार को उन्होंने बखूबी निभाया है. चंदन रॉय सान्याल पिछले सीजन की तरह इस सीजन भी छाप छोड़ने में कामयाब रहे हैं. बाकी के कलाकारों का काम भी अच्छा रहा है. सभी अपने अपने किरदारों के साथ कहानी के साथ न्याय करते हैं. सीरीज की सिनेमेटोग्राफी अच्छी है. संवाद कहानी और उसके ट्रीटमेंट की तरह की औसत रह गए हैं

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