आंगनवाड़ी वर्कर दस को मनाएंगी काला दिवस

चंडीगढ़ । हरियाणा सरकार द्वारा लागू की जा रही नई शिक्षा नीति तथा बाल वाटिकाओं के विरोध में प्रदेश की आंगनवाड़ी वर्करों ने दस जुलाई को काला दिवस मनाने का ऐलान किया है।
आंगनवाड़ी वर्कर्स एवं हेल्पर्स यूनियन हरियाणा की राज्य कार्यकारी प्रधान उर्मिला रावत और कार्यकारी महासचिव बिजनेश राणा ने शनिवार को एक बयान में बताया कि बाल वाटिका एवं नई शिक्षा नीति 2020 का आंगनवाड़ी केंद्रों पर बहुत ही दुष्प्रभाव पड़ेगा। सरकार महिला एवं बाल विकास विभाग को मजबूत करने की बजाय आंगनवाड़ी केंद्रों को बंद करने की ओर कदम बढ़ा रही है। आगनवाडी केंद्रों का दो-दो साल से किराया नहीं दिया जा रहा है। दिसंबर 2022 से केंद्र सरकार द्वारा दिया जाने वाला मानदेय भी नहीं मिल रहा है। आंगनवाड़ी केंद्रों में राशन कभी भी इकट्ठा नहीं आ रहा है। सरकार व विभाग द्वारा यूनियन के साथ बातचीत में मानी गई मांगों को लागू नहीं किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2021-2022 में हड़ताल के दौरान का मानदेय 100 रुपये व 200 प्रति महीना काटकर तुरंत भुगतान किया जाए। बर्खास्त वर्करों एवं हेल्परों का हड़ताल के दौरान का मानदेय तुरंत दिया जाए। बाल वाटिका के नाम पर आंगनवाड़ी केंद्रों को उजाड़ना बंद किया जाए। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 रद्द की जाए और वर्करों एवं हेल्परों को स्थाई किया जाए। उपरोक्त मांगों को लेकर 10 जुलाई को देशभर में आइफा के आह्वान पर सभी आंगनवाड़ी वर्कर एवं हेल्पर अपने अपने जिलों मे काले कपडे़ पहन कर प्रर्दशन में भाग लेकर काला दिवस मनाएंगी।






