मध्यप्रदेश

यूपी में का बा’ फेम Neha Singh Rathore के खिलाफ दर्ज कराई गयी FIR

मध्य प्रदेश-  सीधी जिले में एक शख्स द्वारा शराब के नशे में एक आदिवासी के उपर पेशाब करने की वारदात लगातार चर्चा में हैं। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सख्त एक्शन लेते हुए कहा कि आरोपी को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। जिस आदिवादी के साथ इस तरह का व्यवहार हुआ सीएम ने उसे अपने घर बुलाया और उसके पैर धोए। साथ ही पूरे प्रदेश को ये संदेश किया की इस तरह की हरकत को नहीं सहा जाएगा। फिलहाल आरोपी जेल में हैं। एक्शन के बाद भी सीधी पेशाब कांड पर राजनीति जारी है। भोजपुरी गायिका नेहा सिंह राठौड़ को, जिन्हें ‘यूपी में का बा’ (यूपी में क्या है) गाना गाने के लिए जाना जाता है। उन्होंने एक कार्टून पिक्चर को पोस्ट किया जिसमें एक शख्स आरएसएस की वर्दी पहने हुए है और वह एक बैठे हुए आदमी पर पेशाब कर रहा हैं। आरएसएस की वर्दी को सीधी जिले में हुए पेशाह कांड से जोड़ने के लिए नेहा सिंह राठौड़ के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज करवा दी गयी हैं।

नेहा सिंह राठौर ने एक पोस्ट किया था जिसमें उन्होंने अपने फेमस गाने ‘यूपी में का बा’ की तर्ज पर जल्द ही ‘एमपी में का बा’ की बात कही थी। इस पोस्ट के साथ ही आरएसएस की वर्दी पहने और पेशाब करते कार्टून को दिखाया गया। इस पोस्ट के बाद सोशल मीडिया पर बवाल मच गया। कौन है नेहा सिंह राठौर
नेहा सिंह राठौड़ एक लोक गायिका हैं। वह अपने गानों के जरिए महंगाई, भ्रष्टाचार, गरीबी और सरकार की नाकामियों पर सवाल और व्यंग्य करती हैं। नेहा सिंह राठौड़ बिहार के कैमूर जिले की रहने वाली हैं। उनका गाना बिहार में का बा? यूपी में का बा? और यूपी में का बा? पार्ट 2 काफी वायरल हुआ था। वह भोजपुरी भाषा में गाती हैं।

नेहा सिंह राठौड़ का जन्म साल 1997 में बिहार के कैमूर जिले में एक मध्यम वर्गीय परिवार में हुआ था। नेहा तब मशहूर हुईं जब उनका एक लोकगीत “इलाहाबाद यूनिवर्सिटी” पर बना और वायरल होने के साथ-साथ खुद विवादों में भी घिर गईं। और उसके बाद एक गाना “रोज़गार देबा की करबा ड्रामा” रिलीज़ हुआ और यूट्यूब पर वायरल हो गया, और यह गाना बिहार और यूपी के बेरोजगार युवाओं के लिए बनाया गया था।

नेहा सिंह राठौड़ उस वक्त विवादों में आ गईं जब उन्होंने कोरोना काल में यूपी में का बा गाना गाकर योगी सरकार पर व्यंग्य किया था। इसके जरिए उन्होंने कोरोना काल की व्यवस्था, हाथरस कांड आदि गंभीर मुद्दे उठाए थे।

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