उत्तर प्रदेश

एक्सप्रेस-वे के निर्माण से अहमदाबाद-धोलेरा के बीच की दूरी आधे समय में होगी पूरी

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अहमदाबाद । केंद्र सरकार और गुजरात सरकार के संयुक्त उपक्रम से विश्वस्तरीय ढांचागत सुविधाओं एवं जीवनशैली के उच्च मानदंडों से युक्त धोलेरा स्मार्ट सिटी का विकास किया जा रहा है। गुजरात के धोलेरा में स्थित विशेष निवेश क्षेत्र में देश की सबसे बड़ी ‘ग्रीनफील्ड इंडस्ट्रियल स्मार्ट सिटी’ का निर्माण हो रहा है।

धोलेरा में निर्मित एवं स्थापित होने वाली कंपनियों में तैयार हुए माल के परिवहन तथा उन्हें देश-दुनिया के विभिन्न स्थानों पर आसानी से पहुंचाने के लिए गुजरात सरकार द्वारा विशेष सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। धोलेरा इंडस्ट्रियल सिटी डेवलपमेंट लिमिटेड की विज्ञप्ति के अनुसार अहमदाबाद व धोलेरा के बीच एक्सप्रेस वे का निर्माण हो रहा है। इसके तैयार होने से अहमदाबाद-धोलेरा के बीच यात्रा समय 50 प्रतिशत कम हो जाएगा। यहां तेज कनेक्टिविटी के लिए ग्रीनफील्ड धोलेरा इंटरनेशनल एयरपोर्ट विकसित किया जा रहा है। अहमदाबाद-बोटाद ब्रॉडगेज लाइन पर भीमनाथ के मौजूदा स्टेशन से 24.4 किलोमीटर की ग्रीनफील्ड फ्रेट रेल लाइन पश्चिम रेलवे द्वारा विकसित की जाएगी। इस रेल लाइन को साणंद के निकट डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के साथ भी जोड़ा जाएगा। इतना ही नहीं पश्चिम रेलवे द्वारा सेमी हाईस्पीड रेल लाइन भी विकसित की जाएगी।

इसके अतिरिक्त; धोलेरा में 72 किलोमीटर में फैला आंतरिक रोड नेटवर्क बनाया गया है, जिसमें 18 से 70 मीटर चौड़े मार्ग शामिल हैं। इस आधुनिक सड़क में भूमिगत यूटिलिटी नेटवर्क विकसित किया गया है; जिसमें बिजली, आईसीटी, नैचुरल गैस, पानी एफ्लुएंट तथा स्टॉर्म वॉटर मैनेजमेंट सिस्टम शामिल हैं। इसी प्रकार; रोड नेटवर्क में पथिकों के लिए विशेष लेन, साइकलिंग लेन, प्लांटेशन तथा भावी मास रैपिड ट्रांसपोर्ट के लिए आरक्षित कॉरिडोर शामिल है।

धोलेरा स्मार्ट सिटी में विभिन्न इंडस्ट्रीज तथा उनके कर्मचारियों के लिए बेहतर जीवन शैली के विकास के लिए आवासीय, व्यापारिक, मनोरंजनीय तथा अन्य उद्देश्यों के लिए 920 वर्ग किलोमीटर भूमि आवंटित की गयी है। इस प्रोजेक्ट के प्रारंभिक चरण में 22.54 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र का विकास किया गया है, जिसमें विश्वस्तरीय प्लग एंड प्ले इन्फ्रास्ट्रक्चर, पेयजल, 24 घंटे अनावरत विद्युत आपूर्ति, सामान्य अपशिष्ट उपचार संयंत्र, अपशिष्ट जल उपचार संयंत्र, सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी, नैचुरल गैस आदि जैसी सुविधा सेवाओं का समावेश किया गया है। धोलेरा स्मार्ट सिटी में सेमीकंडक्टर तथा सम्बद्ध सेवाओं, इलेक्ट्रॉनिक्स, रिन्यूएबल एनर्जी, ऑटोमोबाइल, ईवी, एयरोस्पेस, डिफेंस, आईटी जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों की कंपनियों की स्थापना होगी।

गुजरात सरकार ने धोलेरा में विशेष निवेश क्षेत्र तथा औद्योगिक अंचल के आयोजन, विकास एवं संचालन के लिए वर्ष 2009 में ‘गुजरात विशेष निवेश क्षेत्र अधिनियम 2009’ घोषित किया था। इसके अंतर्गत गुजरात के धोलेरा को दिल्ली-मुंबई औद्योगिक गलियारे के तहत विशेष निवेश क्षेत्र घोषित किया गया था। इसके बाद राज्य सरकार द्वारा इस स्थान के विकास के लिए धोलेरा विशेष निवेश क्षेत्र विकास प्राधिकरण का गठन किया गया है। धोलेरा स्मार्ट सिटी में इन्फ्रास्ट्रक्चर, सड़क एवं यूटिलिटी नेटवर्क, पानी, बिजली, आईसीटी, गैस, स्टॉर्म वॉटर, वेस्ट वॉटर के लिए ढांचागत व्यवस्था, 150 एमएलडी क्षमता के साथ वॉटर ट्रीटमेंट एंड सप्लाई सिस्टम, 60 एमएलजी क्षमता वाली औद्योगिक इकाइयों के लिए सीईटीपी तथा कलेक्शन सिस्टम, 30 एमएलडी क्षमता के साथ सीवेज कलेक्शन एंड ट्रीटमेंट सिस्टम इन्स्टॉल किया गया है। यहां प्रशासनिक कार्यालय, बैंक्वेट हॉल, मीटिंग रूम, कमांड एंड कंट्रोल सेंटर, बैंक, कैफेटेरिया जैसी सुविधाएं भी तैयार की गई हैं।

देश की सेमीकॉन सिटी के रूप में होगा विकास

धोलेरा स्मार्ट सिटी क्षेत्र में विभिन्न उद्योगों के लिए पावर डिस्ट्रीब्यूशन इन्फ्रास्ट्रक्चर में अनावरत तथा कार्यक्षम विद्युत आपूर्ति की जरूरत से निपटने के लिए टोरेंट पावर द्वारा दो सब-स्टेशन विकसित किए गए हैं। यहां वर्तमान विद्युत वितरण क्षमता 500 एमवीए है, जिसका इन सब-स्टेशनों से 1500 एमवीए तक विस्तार हो सकेगा। केंद्र सरकार सेमीकंडक्टर, डिसप्ले डिजाइन तथा इनोवेशन इकोसिस्टम विकसित करने को लेकर दूरदर्शी है। गुजरात पहला राज्य है, जिसने भारत सरकार के सेमीकंडक्टर प्रोग्राम के साथ समन्वय वाली सेमीकंडक्टर नीति बनाई है, जिसके अंतर्गत धोलेरा को देश की ‘सेमीकॉन सिटी’ के रूप में विकसित किया जाएगा। धोलेरा सेमीकॉन सिटी भारत को सेमीकंडक्टर एवं इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में सर्वोच्च बनाने की यात्रा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। इसके अतिरिक्त; सेमीकॉन सिटी देश को टेक्नोलॉजी में आत्मनिर्भर बना कर मेक इन इंडिया मिशन की सार्थकता में सहायक बनेगी। धोलेरा एसआईआर में टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स द्वारा 91 हजार करोड़ रुपये के निवेश के साथ भारत के प्रथम सेमीकंडक्टर फैब का निर्माण किया जाएगा, जिसके फलस्वरूप राज्य में अनेक नए रोजगार का सृजन होगा।

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