ग्रामीण भारत के सपनों और आकांक्षाओं को गति दे रहा है पंचायती राज मंत्रालय
बेगूसराय । बेगूसराय के सांसद गिरिराज सिंह के नेतृत्व में पंचायती राज मंत्रालय 12 मार्च 2021 को आजादी का अमृत महोत्सव शुरू होने के साथ पंचायती राज संस्थानों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए राज्यों एवं केन्द्र शासित प्रदेशों के पंचायती राज विभागों को साथ लेकर ग्रामीण जनता के जागरूकता का लगातार प्रयास कर रहा है।
भारत की आजादी की 75वीं वर्षगांठ पर आजादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रम शुरु किया गया था। पंचायती राज मंत्रालय आजादी का अमृत महोत्सव के संबंध में ग्रामीण जनता के बीच जागरूकता पैदा करने के लिए गंभीर प्रयास कर रहा है। आजादी का अमृत महोत्सव समारोह के दूसरे वर्ष (एकेएएम2.0) में प्रत्येक भारतीय के जीवन को छूने के लिए इस कार्यक्रम की पहुंच को और भी बढ़ाने की परिकल्पना की गई है।
उच्च जनभागीदारी और सार्वजनिक भागीदारी पर पूरा जोर दिया गया है। नए दृष्टिकोण उन विषयों पर दीर्घकालिक अभियान भी आयोजित करना है, जो नए भारत के विजन को स्पष्ट करते हैं और प्रत्येक भारतीय के साथ प्रतिध्वनित होते हैं। आजादी का अमृत महोत्सव के हिस्से के रूप में विभिन्न गतिविधियों को पूरा करने में पंचायती राज संस्थानों की सक्रिय भागीदारी से ग्रामीण जनता तक पहुंचना और उन्हें आजादी का अमृत महोत्सव के महत्व और उद्देश्यों के बारे में संवेदनशील बनाना संभव हुआ है।
पंचायती राज मंत्रालय ने भी ग्रामीण भारत में पंचायती राज संस्थाओं के माध्यम से सतत विकास लक्ष्यों (एलएसडीजी) के स्थानीयकरण के लिए एक उपयुक्त, अनुकूल और सकारात्मक वातावरण बनाने के लिए ठोस प्रयास किए हैं। जिसके कारण सतत विकास लक्ष्यों की अवधारणा का प्रसार करने में सफलता हासिल हुई है। इससे ग्रामीण भारत के सपनों और आकांक्षाओं को गति मिली है।
पंचायती राज मंत्रालय ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायती राज संस्थाओं के माध्यम से सतत विकास लक्ष्यों के स्थानीयकरण में सबसे आगे रहा है। मंत्रालय कई हितधारकों को एक साथ लाने, स्पष्ट रणनीतिक लक्ष्य निर्धारित करने और ग्रामीण क्षेत्रों में सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को स्थानीय बनाने के लिए संयुक्त राष्ट्र संगठनों की तकनीकी सहायता को उत्प्रेरित करने में लगातार महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा किए गए आह्वान के अनुसार पंचायती राज संस्थाओं ने विशिष्ट लक्ष्यों को निर्धारित करने, सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) के साथ सही तरीके से तालमेल करने और स्थानीय रणनीति और समग्र पंचायत विकास के माध्यम से एसडीजी प्राप्त करने की दिशा में काम करना शुरू कर दिया है और उसका उचित कार्यान्वयन भी किया जा रहा है।
पंचायत योजनाओं को प्रोत्साहन देना राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान (आरजीएसए) की केंद्र प्रायोजित योजना के केंद्रीय घटकों में से एक है। इस योजना के तहत विभिन्न प्राथमिकता वाले क्षेत्रों और विषयों के तहत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाली पंचायतों को ”राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार” दिए जाते हैं। जिसमें पुरस्कार विजेता पंचायतों को वित्तीय प्रोत्साहन देना भी शामिल है।
भारत को आत्मनिर्भर राष्ट्र बनाने के लिए प्रधानमंत्री के विजन को आगे बढ़ाते हुए एलएसडीजी के नौ विषयगत क्षेत्रों में पंचायतों को उनके अनुकरणीय प्रदर्शन के आधार पर प्रोत्साहित करने के लिए पंचायती राज मंत्रालय ने ठोस प्रयास किए हैं। जिनसे संयुक्त राष्ट्र 2023 के एजेंडे को पूरा करने तथा आत्मनिर्भर पंचायतों के सृजन के लिए एलएसडीजी लक्ष्यों को हासिल करने की दिशा में प्रगति को पूरकता और गति मिलेगी।
पंचायती राज मंत्रालय, राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस 24 अप्रैल के दौरान आजादी का अमृत महोत्सव 2.0 के हिस्से के रूप में आज से 21 अप्रैल तक राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार सप्ताह का आयोजन कर रहा है। इस महत्वपूर्ण अवसर को मनाने के लिए ”संपूर्ण-समाज” और ”संपूर्ण-सरकार” का दृष्टिकोण अपनाया जा रहा है। प्रत्येक भारतीय के जीवन को छूने के लिए पंचायती राज मंत्रालय ने ”पंचायतों के संकल्पों की सिद्धि का उत्सव” विषय पर राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार सप्ताह समारोह मना रहा है। पंचायती राज संस्थाओं के माध्यम से सतत विकास लक्ष्यों के स्थानीयकरण और वर्ष 2047 के लिए आगे की राह के तहत नौ विषयों को शामिल करते हुए पांच राष्ट्रीय सम्मेलनों की श्रृंखला आयोजित की जा रही है।
सहभागी लोकतंत्र को सुनिश्चित करने, लोगों को सशक्त बनाने, पंचायतों को जवाबदेह बनाने एवं ग्राम सभा को और मजबूत बनाने के लिए मोबाइल एप्लिकेशन जीएस निर्णय- नेशनल इनिसिएटिव फॉर रूरल इंडिया टू नेविगेट, इनोवेट एंड रिजॉल्व पंचायत डिसिजन्स विकसित किया गया है। जीएस निर्णय एप से पंचायतों के कामकाज में अधिक पारदर्शिता आएगी और उनकी दक्षता में बढ़ोत्तरी होगी।