दहेज दानव को 10 वर्ष कठोर कारावास की सजा
- त्वरित न्यायालय ने सुनाया निर्णय
जन एक्सप्रेस संवाददाता
चित्रकूट। शादी के मात्र 1 साल बाद दहेज के लिए विवाहिता को मारकर नदी में फेंक देने के मामले में आरोपी पति को त्वरित न्यायालय ने 10 वर्ष कठोर कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही इस दहेज दानव को 19000 रूपए के अर्थदण्ड से भी दण्डित किया है।
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी गोपाल दास ने बताया कि मकरी पहरा गांव के निवासी धर्मराज ने पहाड़ी थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। वादी के अनुसार उसने अपनी बेटी आशा की शादी बांदा जिले के बदौसा थाने के पौहार गांव के निवासी शिवकरण पुत्र केदार के साथ फरवरी 2019 में की थी। शादी के बाद से ही बेटी को पति दहेज के लिए परेशान करता था और 100000 रूपए की मांग करता था। इसकी जानकारी मायके आने पर बेटी देती थी।
फरवरी 2020 में जब आशा मायके आई तो उसने वापस ससुराल भेजने से इंकार कर दिया। इसके बाद दामाद ने वादा किया कि अब वह दहेज के लिए उसे परेशान नहीं करेगा। इस पर उसने बेटी को 14 फरवरी 2020 को दामाद के साथ भेज दिया। इसके एक सप्ताह बाद 22 फरवरी 2020 बताया गया कि पटिया गांव में नदी किनारे एक युवती की लाश पड़ी है। सूचना मिलने पर जब वह गया तो देखा शव उसकी बेटी का था। वादी के अनुसार दहेज के लिए दामाद शिवकरण ने उसकी बेटी को मारा और मारने के बाद नदी में फेंक दिया। पुलिस ने मामले की रिपोर्ट दर्ज करने के बाद न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया था।
बचाव और अभियोजन पक्ष के अधिवक्ताओं की दलीलें सुनने के बाद त्वरित न्यायालय के अपर जिला जज संजय कुमार ने इस मामले में बुधवार को निर्णय सुनाया। जिसमें दोष सिद्ध होने पर आरोपी पति को 10 वर्ष कठोर कारावास की सजा के साथ 19000 रूपए अर्थदण्ड की सजा सुनाई गई।