पुलिस की नाकामी से राजधानी में हो सकती है एक और महिला अधिवक्ता की हत्या
पति और भाइयों की साजिश के बीच उलझी महिला अधिवक्ता की जिंदगी
जन एक्सप्रेस/विश्वामित्र पांडेय
लखनऊ। प्रदेश में कुछ दिनों के अंतराल में अलग अलग जगहों पर हुई अधिवक्ताओं की हत्या से विभिन्न संगठनों के आक्रोश की आग ठंडी भी नहीं पड़ी, लेकिन उत्तर प्रदेश की राजधानी जहां प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व अन्य उच्च अधिकारियों का डेरा है, वहीं कानून की धज्जियां उड़ाने वाले कुछ जालसाज व आपराधिक विचारधारा के लोग एक महिला अधिवक्ता की हत्या की साजिश करने में लगे हैं।
पीड़ित महिला अधिवक्ता को फोन पर जान से मार देने की धमकी कोई और नहीं बल्कि एन बी आर आई लखनऊ में तैनात चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी पति शत्रुहन प्रसाद मौर्या के इशारे पर पीड़िता का बड़ा भाई आदित्य मौर्या ही दे रहा है।
पूरा मामला पारा थाना अंतर्गत प्रेमा विहार मोहल्ले का है जहां पारिवारिक विवाद के चलते पीड़ित अधिवक्ता महिला अपनी आठ वर्षीय बेटी के साथ अपने मायके में रह रही है। अधिवक्ता ने इस बाबत पारा थाने पर शिकायती पत्र देते हुए कहा कि उसका पति शत्रुहन प्रसाद मौर्या भी इस शाजिस में शामिल है और उसी के इशारे पर महिला अधिवक्ता की हत्या करने की साजिश रची जा रही है।
घरेलू हिंसा सहित अन्य अपराधिक मामलों में आरोपी पति हत्या करवाकर पाना चाहता है छुटकारा
पीड़ित महिला ने पारा थाने में शिकायती पत्र देते हुए बताया कि घरेलू विवाद व अन्य मुकदमें न्यायालय में विचाराधीन हैं। आरोपियों द्वारा मुकदमें को वापस लेने का दबाव बनाया गया किंतु मुकदमा वापस न लेने पर पति शत्रुहन प्रसाद मौर्य पुत्र स्व. चुन्नी लाल मौर्या व पीड़ित महिला का भाई आदित्य मौर्या द्वारा जान से मार देने की शाजिस रची जा रही है। जिसमे शत्रुहन का मौसेरा भाई मृत्युंजय मौर्या पुत्र स्व. मुन्नी लाल मौर्या निवासी नौबस्ता थाना काकोरी भी शामिल है।
पीड़िता ने यह भी कहा कि हमारी आठ साल की बच्ची भी है जिसकी आरोपी पति द्वारा आज तक कोई खबर नहीं ली गई, जबकि एन बी आर आई द्वारा बेटी की शिक्षा के लिए अतिरिक्त भुगतान भी प्राप्त होता रहा है लेकिन हमारी बेटी को हर सुविधा से वंचित रखा गया है। पीड़िता ने आगे कहा कि आरोपियों द्वारा मुझ मां- बेटी की हत्या करवाकर मुकदमें से छुटकारा पाने का प्रयास किया जा रहा है। ताकि भरण पोषण की राशि देने व पारिवारिक जिम्मेदारी से बचा जा सके।
थाने में शिकायत के बाद भी नहीं हुई एफआईआर, डीसीपी बोले एक दिन पुरानी घटना की नहीं दर्ज होती शिकायत
पीड़ित महिला ने स्थानीय पुलिस पर आरोप लगाते हुए बताया कि आरोपियों की धमकी से परेशान होकर जब पुलिस के पास गई तो डीसीपी ने विजिबल वीडियो देखने के बाद यह कहते हुए किनारा कर लिया कि, यह वीडियो एक दिन पुराना है, यदि फिर ऐसा कुछ हो तो ताजा वीडियो बनाकर तुरंत आना। फिलहाल पुलिस अधिकारियों के गैर जिम्मेदाराना रवैए से पीड़ित महिला असंतुष्ट होकर पुनः न्यायालय का रुख कर चुकी है।
हम शादी करके बहुत बुरे फंस गए हैं, इनका पूरा परिवार वैसा ही है। बाकी हमारा मामला न्यायालय में विचाराधीन है। फैमिली कोर्ट में महिला जज होने के नाते जज भी महिलाओं का पक्ष लेती हैं।
– शत्रुहन प्रसाद मौर्या (आरोपी पति)
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