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सरयू 57 सेंटीमीटर ऊपर, छोड़ा गया चार लाख क्यूसेक पानी, प्रशासन एलर्ट

जन एक्सप्रेस/ज्ञानेंद्र वर्मा

रामनगर-बाराबंकी। पहाड़ों पर हो रही जोरदार बारिश के चलते नेपाल स्थित गिरजा और गोपिया बैराज से 2 दिनों के अंतराल में 3.91लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने से सरयू का जलस्तर खतरे के निशान से 57 सेंटीमीटर ऊपर पहुंच गया। जिससे नदी की तलहटी सहित आसपास के इलाकों में रहने वाले लोगों का सुरक्षित जगह पर पलायन तेजी से बढ़ गया है। जिसको लेकर जिला व तहसील प्रशासन ने सभी बाढ़ चौकियों पर मुस्तैदी बढ़ा दी है। नदी का पानी अब आस-पास के गांव में दाखिल होना शुरू हो गया है। जिससे यहां के लोग अपने-अपने खेतों में मचान बनाकर फसलों की सुरक्षा में लगे हुए है। सिरौलीगौसपुर क्षेत्र में तिलवारी गांव के करीब की जमीन नदी में समा गई है।

साथ ही ईटाहुआ व गोबरहा गांव के किनारे बह रही नदी ग्रामीणों के लिए मुसीबत बनी हुई है। सूरतगंज में भी नदी का पानी सुंदरनगर,केंवाड़ी सहित आसपास के गांव में दाखिल होना शुरू हो गया है। वहीं तहसील रामनगर क्षेत्र में तपेशिपह सहित नदी के उस पार बसे जमका, परशुरामपुर व खुज्झी आदि गांव में हालात गंभीर है। इन गांव तक लोगों का पहुंचना मुश्किल हो गया है। नदी के बाहर दर्जनों गांव में पानी पहुंचने से हालात बिगड़ना शुरू हो गए है। तहसील रामनगर के ग्राम पंचायत बेहटा में सरयू नदी के बड़े जलस्तर से संपर्क मार्ग जलमग्न हो गया। जिसकी सूचना पर बीडीओ अमित कुमार त्रिपाठी ने ग्राम विकास अधिकारी ऋषभ पांडेय को भेजकर तत्काल वहां का मुआयना कराया।

हजारों बीघा फसल जलमग्न

सरयू के उफनाने के साथ-साथ नदी के किनारे बसे तीन तहसीलों के चार विकास खंडों के गांवों की हजारों बीघा फसल जलमग्न हो गई है। जिसको लेकर संबंधित विभाग लगातार मुआयना कर रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि बाढ़ की शुरुआत हो गई है। पानी गांव के खेतों सहित रास्तों पर पहुंच गया है। खेतों में लगी धान गन्ना आदि की फसल नष्ट होने की कगार पर पहुंच रही है। ऐसे में सबसे ज्यादा दिक्कत यहां रह रहे लोगों को नित्य क्रिया सहित जानवरों के खाने की हो रही है। जिससे हमें कई किलोमीटर दूर ऊंचाई वाले स्थान पर जाना पड़ता है।

 उफ़नाई सरयू, डूबकर महिला की मौत

सिरौली गौसपुर/बाराबंकी। बुधवार को देर शाम नदी किनारे नित्य क्रिया को गई एक महिला की नदी में डूबकर मौत हो गई। जिससे क्षेत्र में हड़कंप मच गया। वहीं बाढ़ के पानी से घिरे गांवों के ग्रामीणों में दहशत व्याप्त है। क्षेत्र के तेलवारी, गोबरहा, नव्वनपुरवा, कोठरी गौरिया, सरदहा,परसा, सिरौलीगुंग, कोठीडीहा, सनावां, इटहुआ पूरब, सहित दर्जनों गांव आज भी बाढ़ के पानी से घिरे हुए है। बाढ़ से प्रभावित होने वाले गांवों में पानी अभी लोगों के घरों तक नहीं पहुंचा है। जिससे अभी तमाम विपरीत परिस्थितियों के बावजूद ग्रामीणों ने घर नहीं छोड़ा है। बुधवार को ग्राम सरदहा में शिवदेवी पत्नी शिवकुमार 38 वर्ष नदी किनारे शौंच करते समय फिसल कर नदी में डूब गई। ग्रामीणों के अथक प्रयास से घंटों बाद उसके शव को एक झाड़ी में फसे होने के कारण बाहर निकाल लिया गया। सूचना पाकर मौके पर पहुंची बदोसरांय पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया था।

इस घटना के बाद से तलहटी में बसे गांवों के ग्रामीणों में हड़कंप मच गया है। गुरुवार को तहसीलदार सुरेन्द्र कुमार ने मृतक के घर पहुंच कर ढांढस बंधाते हुए आर्थिक सहायता दिलाने की बात कही है। वहीं उपजिलाधिकारी विश्वमित्र सिंह ने बाढ़ क्षेत्र के करोनी, तेलवारी, इटहुआ पूरव आदि गांवों का निरीक्षण कर स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने ने बताया कि सभी गांवों को जोड़ने वाली सड़कें खुली हुई है। किसी गांव के भीतर अभी पानी नहीं पहुंचा है स्थिति सामान्य है।

एलर्ट मोड पर प्रशासन

बाराबंकी। सरयू नदी के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए जिला प्रशासन एलर्ट मोड पर है। एडीएम अरुण कुमार सिंह लगातार बाढ़ संभावित इलाकों का निरीक्षण कर संबंधित मातहतों को आवश्यक दिशा निर्देश दे रहे है। उन्होंने बताया कि सरयू नदी का जलस्तर बढ़ने से नदी खतरे के निशान के ऊपर बह रही है। बाढ़ प्रभावित इलाकों में अलर्ट जारी किया गया है। साथ ही संबंधित विभाग की टीमें बचाव कार्य और लोगों को सुरक्षित स्थान तक पहुंचाने में लगी हुई है।

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