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भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे प्रमुख सचिव पशुधन का एक ओर कारनामा
आवाज उठाने वाले आगरा के चिकित्साधिकारी को किया सस्पेंड

जनएक्सप्रेस/ राज्य मुख्यालय: लखनऊ करोड़ों रुपये लेकर यूपीएलडीवी (उत्तर प्रदेश लाइवस्टॉक डेवलपमेंट बोर्ड) के भ्रष्ट मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) डॉ. नीरज गुप्ता का कार्यकाल 6 माह बढ़ाए जाने के आरोपों से घिरे प्रमुख सचिव पशुधन के. रविन्द्र नायक का एक और कारनामा सामने आया है। भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने वाले आगरा के पशु चिकित्साधिकारी मनोज कुमार को सस्पेंड कर दिया है।
जिनके खिलाफ होनी चाहिए जांच, वही कर रहे कार्रवाई
हैरानी इस बात की है कि सीईओ की नियुक्ति से लेकर कार्यकाल बढ़ाए जाने तक के मामलों मे तत्कालीन व वर्तमान प्रमुख सचिव पशुधन पर धांधली कर सरकारी खजाने को करोड़ों रुपए का चूना लगाए जाने का आरोप है। इसके बावजूद इन इन अधकारियों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसके उलट जिन्होंने प्रमुख सचिव और सीईओ के काले कारनामा को मीडिया के सामने उजागर किया अब उन पर ही कार्रवाई की जा रही है। इसी कड़ी में 20 दिसंबर को लेटर जारी कर आगरा के पशु चिकित्साधिकारी को सस्पेंड किया गया है।

न सीईओ पर कार्रवाई न प्रमुख सचिव पर
धांधली के तमाम सबूतों और शिकायतों के बावजूद यूपीएलडीवी के सीईओ डॉ. नीरज कुमार और प्रमुख सचिव पशुधन के. रविन्द्र नायक पर राज्य सरकार ने कार्रवाई नहीं की है। जबकि भ्रष्टाचार को लेकर तमाम कर्मचारियों ने लिखित शिकायत तक दी थी।
मंत्रीजी की भी नहीं सुनते प्रमुख सचिव
पशुधन मंत्री धर्मपाल सिंह ने भ्रष्टाचार मामले में सीईओ डॉ. नीरज कुमार की जांच के आदेश दिए थे, लेकिन जांच समिति के हेड विशेष सचिव पशुधन देवेंद्र पांडेय ने जांच शुरू ही नहीं की। हैरानी की बात है कि एक मंत्री के आदेश को भी दरकिनार किया जाता है।
मनोज कुमार ने प्रमुख सचिव पर लगाए थे गंभीर आरोप
सस्पेंड आगरा के चिकित्साधिकारी मनोज कुमार ने 12 दिसंबर को लखनऊ में प्रेसवार्ता कर प्रमुख सचिव पशुधन पर और यूपीएलडीवी के सीईओ डॉ. नीरज गुप्ता पर गंभीर आरोप लगाए थे। मामले को लेकर लखनऊ में एक थाने में शिकायत भी दर्ज कराई थी।
वेटेनरी डॉक्टर्स वेलफेयर सोसायटी आर-पार के मूढ़ में
सूत्रों के अनुसार आगरा के पशु चिकित्साधिकारी मनोज कुमार को सस्पेंड लिए जाने को लेकर वेटेनरी डॉक्टर्स वेलफेयर सोसायटी के सदस्यों में आक्रोश है। सोसायटी भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने वालों पर कार्रवाई किए जाने से नाराज है और मामले को लेकर आर-पार के मूढ़ में है। प्रदेशभर में आंदोलन तेज किए जाने की चर्चा है।