विदेश

बाढ़ की भयावह स्थिति से निपटने के लिए की जाएगी सेना की तैनाती

Listen to this article

इस्लामाबाद । पाकिस्तान सरकार ने देश के विभिन्न हिस्सों के बाढ़ से प्रभावित होने के बाद बचाव एवं राहत कार्य के वास्ते सेना को बुलाने का निर्णय लिया है। गृह मंत्री राणा सनाउल्ला ने शनिवार को यह जानकारी दी। एक दशक से भी ज्यादा समय बाद बाढ़ की ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई है जिससे तीन करोड़ तीस लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के अनुसार, पाकिस्तान में बाढ़ के कारण अब तक 982 लोगों की मौत हो चुकी है और पिछले 24 घंटे में 45 लोगों की जान चली गई। एनडीएमए ने कहा कि पिछले 24 घंटे में 1,456 और लोग घायल हुए।

गृह मंत्री सनाउल्ला ने कहा कि बाढ़ की ऐसी स्थिति एक दशक से भी ज्यादा समय बाद उत्पन्न हुई है और सशस्त्र बलों को तैनात किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 245 के तहत सेना को बुलाया जा रहा है जिसके अनुसार आपातकाल के समय सरकार नागरिकों की सहायता के लिए सेना को बुला सकती है। शुक्रवार को जारी एक आधिकारिक अधिसूचना में कहा गया कि संबंधित प्रांतीय सरकारों द्वारा सेना मुख्यालय के साथ सलाह करके सैनिकों की संख्या और तैनाती के क्षेत्र पर निर्णय लिया जाएगा। बाढ़ से देश की अवसंरचना बुरी तरह प्रभावित हुई है और एनडीएमए के अनुसार, 3,161 किलोमीटर सड़कें क्षतिग्रस्त हो गई हैं, 149 पुल बह गए और 6,82,139 घर आंशिक रूप से या पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं।

अप्रत्याशित मॉनसूनी बारिश की वजह से आई बाढ़ के कारण देश का लगभग आधा हिस्सा डूब गया है और 110 जिलों में 57 लाख से ज्यादा लोग बिना आश्रय और भोजन के हैं। इस आपदा से सिंध और बलोचिस्तान सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं और पाकिस्तान रेलवे ने कई स्थानों पर सेवाएं निलंबित कर दी हैं। पर्यावरण मंत्री शेरी रहमान के अनुसार, देश में हर साल तीन से चार बार बारिश का दौर आता था लेकिन इस बार मॉनसून का आठ दौर आ चुका है तथा और बारिश होने की आशंका है।

प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने इस्लामाबाद स्थित राजदूतों, उच्चायुक्तों और अन्य चुनिंदा राजनयिकों के साथ शुक्रवार को एक बैठक की और उन्हें देश में बाढ़ की भयावह स्थिति की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि शुरुआती आंकड़ों के अनुसार, इस साल बाढ़ से हुई क्षति की तुलना 2010-11 में आई बाढ़ से की जा सकती है।

Show More

Related Articles

Back to top button