लखनऊ

हाथरस भगदड़ कांड की एसआईटी रिपोर्ट पर योगी सरकार की बड़ी कार्रवाई, एसडीएम समेत 6 अधिकारी निलंबित

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में सत्संग के बाद हुई दुर्घटना को लेकर एसआईटी ने मंगलवार को जांच रिपोर्ट सौंप दी। योगी सरकार ने इस रिपोर्ट के आधार पर एसडीएम, सीओ और तहसीलदार समेत छह अधिकारियों को निलंबित कर दिया है।

हाथरस जिले के सिकन्दराराऊ में विगत दो जुलाई को साकार विश्व हरि उर्फ भोले बाबा के सत्संग में भगदड़ से 121 लोगों की मौत हो गई थी। इस दुर्घटना की जांच के लिए राज्य सरकार ने दो सदस्यीय एसआईटी गठित की थी। एसआईटी ने 02, 03 और 05 जुलाई को घटना स्थल का निरीक्षण किया था। जांच के दौरान कुल 125 लोगों का बयान लिया गया, जिसमें प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियों के साथ आम जनता एवं प्रत्यक्षदर्शियों का बयान भी शामिल है। इसके अलावा घटना के संबंध में प्रकाशित समाचार की प्रतियां, स्थलीय विडियोग्राफी, छायाचित्र, विडियो क्लिपिंग का संज्ञान लिया गया।

एसआईटी ने प्रारंभिक जांच में चश्मदीद गवाहों एवं अन्य साक्ष्यों के आधार पर दुर्घटना के लिए कार्यक्रम आयोजकों को मुख्य रूप से जिम्मेदार माना है। जांच समिति ने अब तक हुई जांच व कार्यवाही के आधार पर हादसे के पीछे किसी बड़ी साजिश से भी इनकार नहीं किया है और गहन जांच की जरूरत बताई है। जांच समिति ने कार्यक्रम आयोजक तथा तहसील स्तरीय पुलिस व प्रशासन को भी दोषी पाया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि स्थानीय एसडीएम, सीओ, तहसीलदार, इंस्पेक्टर, चौकी इंचार्ज ने अपने दायित्व के निर्वहन करने में लापरवाही बरतीं। एसडीएम सिकन्दराराऊ द्वारा बिना कार्यक्रम स्थल का मुआयना किये आयोजन की अनुमति प्रदान कर दी गई और वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत भी नहीं कराया। उक्त अधिकारियों द्वारा कार्यक्रम को गंभीरता से नहीं लिया गया और वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत भी नहीं कराया गया।

एसआईटी ने संबंधित अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की संस्तुति की। इसके आधार पर राज्य सरकार ने एसडीएम सिकन्दराराऊ, पुलिस क्षेत्राधिकारी सिकन्दराराऊ, थानाध्यक्ष सिकन्दराराऊ, तहसीलदार सिकन्दराराऊ, चौकी इन्चार्ज कचौरा एवं चौकी इन्चार्ज पोरा को निलंबित कर दिया है।

एसआईटी के मुताबिक आयोजकों ने तथ्यों को छिपाकर कार्यक्रम के आयोजन की अनुमति ली। अनुमति के लिए लागू शर्तों का अनुपालन नहीं किया गया। आयोजकों द्वारा अप्रत्याशित भीड़ को आमंत्रित कर पर्याप्त एवं सुचारू व्यवस्था नहीं की गई। न ही कार्यक्रम के लिए स्थानीय प्रशासन द्वारा दी गई अनुमति की शर्तों का पालन किया गया। आयोजक मंडल से जुड़े लोग अव्यवस्था फैलाने के दोषी पाए गए हैं। आयोजक मंडल द्वारा पुलिस के साथ दुर्व्यवहार किया गया। स्थानीय पुलिस को कार्यक्रम स्थल पर निरीक्षण से रोकने का प्रयास किया गया। सत्संगकर्ता और भीड़ को बिना सुरक्षा प्रबंध के आपस में मिलने की छूट दी गई। भारी भीड़ के दृष्टिगत यहां किसी प्रकार की बैरीके़डिंग अथवा पैसेज की व्यवस्था नहीं बनाई गई थी और दुर्घटना घटित होने पर आयोजक मंडल के सदस्य घटना स्थल से भाग गए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button