जन एक्सप्रेस/संवाददाता
खबर का असर
बहराइच। जिलाधिकारी डॉ मोनिका रानी शासन के निर्देश पर जिले में पराली जलाने की घटना को लेकर काफी गंभीर है। मुख्य विकास अधिकारी राम्या आर ने भी किसने की ओर से परली जलाए जाने की घटना को लेकर काफी कड़ा रुख अपनाया है। जन एक्सप्रेस अखबार में प्रकाशित खबर का संज्ञान लेते हुए डीडी कृषि को तत्काल जांच कर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। इसके बाद इसके बाद डीडी कृषि की ओर से जांच के लिए जांच और कार्रवाई के लिए अधिकारियों को मौके पर भेजा है।
जिले में किसानों की ओर से धान की कटाई कंबाइन मशीन से कराई जा रही है। इसकी वजह से फसल का काफी अवशेष खेतों में ही लगा रह जाता है। किसान रवि की फसल के लिए खेत तैयार करने से पहले अवशेष को सरकार की सख्ती के बाद शाम ढलते ही जला देते हैं। हालांकि जिलाधिकारी और मुख्य विकास अधिकारी की ओर से कृषि और राजस्व विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वह लोग गांव में जाएं ग्राम प्रधानों से मिलकर किसानों को जागृत करें। यह बताएं कि पराली जलाने से खेत की उर्वरा शक्ति कम होती है। वहीं पर्यावरण संतुलन बिगड़ता है। अधिकारियों ने समाचार पत्र और सोशल मीडिया के माध्यम से भी किसानों को जागरूक करने का अभियान चला रखा है। इसके बावजूद किसानों की ओर से पराली जलाने की छिट पुट घटनाएं हो रही है।
विकासखंड नवाबगंज की एक ग्राम पंचायत में कुछ किसानों की ओर से 2 दिन पूर्व रात के समय पराली जलाई गई थी। जिसकी खबर जन एक्सप्रेस अखबार ने प्राथमिकता के साथ फोटो समेत प्रकाशित की थी। इस खबर का संज्ञान लेते हुए मुख्य विकास अधिकारी ने डीडी कृषि को जांच और कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। जिस पर डीडी कृषि ने घटना स्थल की अधिकारियों से जांच कराई है। जांच में घटना सही पाई है।
जिस पर किसान रामगोपाल पुत्र पलटू राम निवासी पुरैनी और हजरत अली पुत्र वाजिद अली निवासी पुरैनी के खिलाफ ढाई ढाई हजार रुपए का जुर्माना लगाया है और किसान सम्मन निधि रोक दी है। इसके साथ ही किसान नूर मोहम्मद पुत्र उत्तम खान निवासी जहाली पुरवा, लालू पुत्र हाशिम खान निवासी रामगढ़ी श्रीमती समूह पत्नी शौकत निवासी रामगढ़ी अनिल कुमार पुत्र कौशल देव निवासी सर कल आदि किसानों पर ढाई ढाई हजार रुपए का अर्थ दंड लगाया है।
तशरीफ़ अली पुत्र नकछेद जोकहा सलारपुर के ऊपर ₹5000 का अर्थ दंड लगाने के साथ किसान सम्मन निधि रोक दी गई है। डीडी कृषि ने बताया कि पराली जलाने की घटना को काफी गंभीरता से लिया जा रहा है। पराली जलाने वाले किसानों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जा रही है। किसानों को जागरुक भी किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि बीते वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष घटनाओं में कमी आई है।