चित्रकूट
गरीब आदिवासियों के बीच मनाया दिवाली का त्योहार,मिठाइयां और पटाखे बांटकर दीं खुशियां
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चित्रकूट।
चित्रकूट दीपावली पर्व खुशियों का त्योहार है। इस त्योहार पर जहां हर तरफ खुशहाली की रंगत दिखती है तो वहीं इस उत्सव के समय में दलित और आदिवासी बस्तियों में चित्रकूट के युवा समाज सेवी खुशियों के दीप जलाते हैं। हर साल दीपावली के उत्सव के बीच युवा समाजसेवी दलित और मजदूरों के बीच जाते हैं और उनके साथ बैठकर उनका दुख-सुख बांटने के साथ मिलकर दिवाली का त्योहार मनाते हैं। तोहफे के रूप में बच्चों और बुजुर्गों को पटाखे, मिठाईयां बांटते हैं। समाजसेवी हेमनारायण द्विवेदी व सचिन वंदन त्रिपाठी ने बाकायदा इसके लिए युवाओं को अपने साथ जोड़ रखा है। हर त्योहार पर किसी न किसी आदिवासी बस्ती पहुंच उनके साथ त्योहार मनाते हैं। इस साल भी दिवाली पर सैकड़ों परिवारों में मिठाई, पटाखे और कपड़े बांटे हैं। इस साल भी समाजसेवियों ने दीपावली पर्व पर पाठा के आदिवासी बच्चों, बुजुर्गों और असहायों संग खुशियां बांटी। समिजसेवियों ने गरीब आदिवासियों के बीच पहुंच दीपावली का त्योहार मनाया। युवा पत्रकार हेमनरायण द्विवेदी और सचिन वन्दन ने आदिवासी गांव जमुनिहाई में लोगों के साथ दिवाली मनाई। इस दौरान आदिवासियों द्वारा घरों को दीपकों और रंगोली से सजाया गया था।
आतिशबाजी बांटकर मनाया त्योहार
लोगों को मिठाई व बच्चों को टिकिया तमंचे, छुरछुरी आतिशबाजी बांटकर दीपावली का त्योहार मनाया। समाजसेवियों ने दलित और आदिवासी बस्तियों में बच्चों को खुशियां बांटी है। हेमनरायण ने बताया जैसे हम लोग गांव दाखिल हुए हमें देखकर बच्चे खुशी से उछल पड़े और आतिशबाजी पाकर बच्चों की खुशी दोगुनी हो गई। हमें पाकर लोग प्रफुल्लित दिखे। वहीं सचिन वन्दन ने बताया कि हमारे द्वारा समय-समय पर होली, रक्षाबंधन और दीपावली त्योहार पर गरीबों के बीच पहुंचकर त्योहार मानाया जाता है। जब हम गरीबों के बीच पहुंचते हैं तो उनकी खुशी दोगुनी हो जाती है।
लोगों ने समाजसेवियों का जताया आभार
इस मौके पर मौजूद विनय कुमार पूर्व प्रधान किहुनिया ने कहा कि गरीब, असहायों के बीच पहुंचकर त्योहार मनाना बेहद नेक कार्य है। इन गरीब आदिवासी परिवारों के बीच त्योहारों का उत्सव मनाने में बेहद खुशी मिलती है। इन्हें अपना परिवार मानकर ही उनके साथ खुशियां मनाना चाहिए। त्योहर के मौके पर उनके बीच पहुंचने पर सभी की खुशी दोगुनी हो गई। कार्यक्रम के दौरान आदिवासी महिलाओं ने कहा कि अब हम और हमारे बच्चे और अच्छे ढंग से खुशी -खुशी त्योहार मनाएंगे। लोगों ने समाजसेवियों को दीपावली की शुभकामनाएं दी है। इस अवसर पर शिक्षक रविशंकर पाण्डेय, दीपक चतुर्वेद, अभिषेक कुमार, छोटेलाल, प्रमोद कुमार, विमल कुमार, शिवप्रकाश, शिवप्रसाद आदि लोग मौजूद रहे।