मंडलायुक्त के प्रयासों से मार्च में शहर की सडक़ों पर दौडऩे लगेंगी सिटी बसें
जन एक्सप्रेस संवाददाता
कानपुर नगर। मेट्रो सिटी के रूप में कानपुर में बेहतर सिटी बस सेवाओं सहित सार्वजनिक परिवहन की अच्छी व्यवस्था होनी चाहिए। मेट्रो का काम तेजी से चल रहा है और इसे समय पर पूरा करने के लिए हर संभव कदम उठाए जा रहे हैं। साथ ही प्रदूषण को कम करने के लिए मेट्रो स्टेशनों व शहर में सीएनजी सिटी बस सेवाओं को चलाना आवश्यक है। सिटी बसों के संचालन से जनपद के प्रदूषण में भी कमी आएगी। यह बातें शुक्रवार को मंडलायुक्त डॉ. राजशेखर ने फजलगंज सिटी बस डिपो में बसों की मरम्मत और पुनर्निमित बसों का निरीक्षण करते हुए उपस्थित अफसरों से कही।
उन्होंने कहा कि जनवरी महीने में मरम्मत के लिए चिन्हित 40 बसों में पेंटिंग, डेंटिंग और अन्य मरम्मत की गई थी लेकिन अभी भी कुछ काम जैसे विंडोज हैंडल और लॉक, फायर प्रोटेक्शन इक्विपमेंट्स की टेस्टिंग, ड्राइवर सीट डैशबोर्ड वक्र्स (फंक्शनल स्पीडोमीटर आदि) का कार्य संतोषजनक नहीं है। इस पर एमडी केसीटीसीएल ने आयुक्त को आश्वासन दिया कि सभी बसों में अगले 15 दिनों में सभी कार्य पूरे कर लिए जाएंगे। निरीक्षण के दौरान मंडलायुक्त ने चालकों व कंडक्टरों के साथ बातचीत की और सिटी बसों की सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए उनकी प्रतिक्रिया और इनपुट भी प्राप्त किया। मंडलायुक्त ने चालकों से एक को हैंडल फायर उपकरण के उपयोग के बारे में डेमो देने के लिए भी कहा। चालक को अच्छी तरह से प्रशिक्षित किया गया था और उन्होंने सफलतापूर्वक प्रदर्शित किया। मंडलायुक्त ने अगले दो माह में बाकी 100 चिन्हित बसों की मरम्मत के निर्देश दिए, ताकि आने वाले दिनों में कानपुर के लोगों को बेहतर सिटी बस सेवा मिल सके। जाने वाले मई-जून माह में सिटी बसों के 140 बेड़े में 100 नई इलेक्ट्रिक बसें जोड़ी जाएंगी, जो हमें सेवाओं को बेहतर बनाने और वाहनों के प्रदूषण के स्तर को कम करने में भी मदद करेंगी। बताते चलें कि, बीते माह मंडलायुक्त ने कानपुर शहर में सिटी बसों की स्थिति की समीक्षा की। इस दौरान उन्हें सिटी बस सेवाएं प्रभावी और संतोषजनक नहीं मिली थीं। मंडलायुक्त ने बसों की स्थिति में सुधार करने, सुविधाजनक और बेहतर बस संचालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए थे। मंडलायुक्त ने एमडी केसीटीएसएल को मरम्मत और रखरखाव के लिए पहचान की गई सभी 140 बसों की आंतरिक और बाहरी स्थितियों में सुधार करने के लिए तीन माह का समय दिया था।