अस्पतालों में ई-हॉस्पिटल सॉफ्टवेयर लागू करने को लेकर दिल्ली में घमासान
नई दिल्ली : विधानसभा में नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने सीएम आतिशी को पत्र लिखा है। उन्होंने मांग की है कि दिल्ली सरकार के अस्पतालों में केंद्र सरकार के ई-हॉस्पिटल सॉफ्टवेयर को लागू किया जाए। पिछले 8 साल से दिल्ली सरकार जानबूझकर अस्पताल प्रबंधन सूचना प्रणाली में देरी कर रही है। यही सूचना प्रणाली केंद्र सरकार के सफदरजंग, एम्स सहित 738 अस्पतालों में सफलता से चल रही है।
विजेंद्र गुप्ता ने की मांग
विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं को डिजिटलाइज्ड करने, मरीजों के हेल्थ रेकॉर्ड ट्रैकिंग सुनिश्चित करने, अस्पतालों के प्रबंधन और पैसों के दुरुपयोग रोकने के लिए ही यह सॉफ्टवेयर बनाया गया है। केंद्र सरकार के सभी अस्पतालों में इसी सॉफ्टवेयर से अस्पतालों में प्रबंधन का काम हो रहा है। दिल्ली सरकार पिछले 8 सालों से इस प्रणाली को अपने अस्पतालों में लागू करने की कोशिश कर रही है, लेकिन अब तक लागू नहीं कर पाई है।
बीजेपी नेता के निशाने पर AAP सरकार
बीजेपी नेता ने कहा कि आम आदमी पार्टी सरकार यह चाहती ही नहीं कि को केंद्र सरकार की योजनाएं दिल्ली में लागू हो। क्योंकि सरकार पूरी तरह से पूर्वांग्रह से ग्रसित है। जिस सॉफ्टवेयर को चीफ सेक्रेटरी ने यहां लागू करने की अनुशंसा की थी, उसे केंद्र सरकार की एजेंसी एनआईसी ने बनाया है। इसलिए दिल्ली सरकार इसे लागू नहीं करना चाहती है। दिल्ली सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज ने गुप्ता के आरोपों पर कहा कि ई-हॉस्पिटल के लिए एनआईसी ने जो सॉफ्टवेयर डिवेलप किया है, वह उतना बेहतर नहीं है।
मंत्री सौरभ भारद्वाज ने दिया जवाब
मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि एचएमआईसी के लिए एनआईसी के सॉफ्टवेयर में वह फीचर ही नहीं है, जो दिल्ली सरकार को चाहिए। सी-डीएसी ने भी ई-सुश्रुत एचएमआईसी एप्लिकेशन तैयार किया है। यह एप्लिकेशन दिल्ली के जरूरतों के अनुरूप है। दोनों सॉफ्टवेयर डिवेलपर्स के एप्लिकेशन की जांच के लिए एक मेडिकल कमिटी भी बनाई गई थी। लेकिन, कमिटी ने आज तक रिपोर्ट सबमिट ही नहीं की।