रचनात्मकता सीखने की अवधारणाओं को महत्व मिला : मनीष जैन

वाराणसी । आईआईटी गांधीनगर के क्रिएटिव लर्निंग सेंटर के प्रिंसिपल कोऑर्डिनेटर प्रोफेसर मनीष जैन ने रविवार को क्रिएटिव लर्निंग की जानकारी विद्यार्थियों को दी। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस के छात्रों को सरल 3-डी मॉडल के माध्यम से विभिन्न जटिल गणितीय अवधारणाओं का मनीष जैन ने प्रदर्शन भी किया।
विशेष व्याख्यान में उन्होंने छात्रों से संवाद शैली में शिक्षण की गुणवत्ता में सुधार के लिए कक्षा में रचनात्मक शिक्षण की तकनीकों का उपयोग करने पर जोर दिया। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि भारत सरकार द्वारा लायी गई नई शिक्षा नीति में रचनात्मकता सीखने की अवधारणाओं को उचित महत्व दिया गया है। उन्होंने क्रिएटिव लर्निंग के माध्यम से शिक्षण गुणवत्ता में सुधार के लिए आईआईटी गांधीनगर में क्रिएटिव लर्निंग लैब के साथ हाथ मिलाने की संभावनाओं पर भी चर्चा की। छात्र पूरे व्याख्यान के दौरान बहुत उत्साहित रहे। खीरा और कागज का उपयोग करके 3-डी मॉडल बनाने का आनंद भी खूब उठाया । व्याख्यान के बाद शिक्षकों ने प्रो. मनीष जैन से भी घंटों बातचीत की।
इस व्याख्यान का आयोजन स्किल डेवलपमेंट सेल बीएचयू ने डीएसटी सेंटर फॉर इंटरडिसिप्लिनरी मैथमैटिकल साइंसेज के सहयोग से किया। व्याख्यान में प्रोफेसर सुख महेंद्र सिंह, डीन, विज्ञान संकाय, प्रोफेसर बंकेश्वर तिवारी, समन्वयक डीएसटी-सीआईएमएस, प्रोफेसर एचपी शर्मा समन्वयक कौशल विकास प्रकोष्ठ, डॉ. राघवेंद्र चौबे, डॉ. राजकिरण प्रभाकर, डॉ. अंशुल वर्मा और डॉ स्वप्निल भी मौजूद रहे।