सरकारी स्कूलों को बंद करने की नीति के खिलाफ कांग्रेस का चौपाल आंदोलन तेज
चित्रकूट में राजनारायण यादव के नेतृत्व में विरोध चौपाल का आयोजन

जन एक्सप्रेस चित्रकूट। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सरकारी प्राइमरी स्कूलों को बंद या विलय करने की नीति के विरोध में प्रदेशभर में कांग्रेस का ‘सरकारी स्कूल बचाओ चौपाल’ अभियान तेज़ी से चल रहा है। 22 जून से 30 जून तक चलने वाले इस विरोध कार्यक्रम के तहत चित्रकूट ज़िले के पहाड़ी क्षेत्र के शंकरगंज गांव में कांग्रेस पिछड़ा वर्ग विभाग की ओर से चौपाल का आयोजन किया गया।
इस कार्यक्रम का नेतृत्व कांग्रेस पिछड़ा वर्ग विभाग के ज़िला चेयरमैन राजनारायण यादव ने किया। उन्होंने सरकार के इस निर्णय को गरीब, दलित, पिछड़े, आदिवासी वर्गों के बच्चों के शिक्षा के अधिकार पर सीधा हमला बताया। श्री यादव ने कहा, “सरकार योजनाबद्ध तरीके से गरीबों को शिक्षा से दूर कर रही है। कांग्रेस इसके खिलाफ मुहिम चलाकर इसे वापस लेने को बाध्य करेगी।”
चौपाल में उपस्थित ग्रामीणों ने भी इस निर्णय का विरोध करते हुए सरकार से मांग की कि वह इस जनविरोधी नीति को तत्काल वापस ले। कार्यक्रम में यह भी निर्णय लिया गया कि आने वाले दिनों में चौपाल के साथ-साथ पदयात्राएं भी निकाली जाएंगी।
राजीव गांधी पंचायती राज संगठन के जिला चेयरमैन अरुण गुप्ता ने कहा, “यह सरकार न बेटी बचा पा रही है और न पढ़ा पा रही है। सुदूर गांवों की बेटियां कैसे दूर जाकर पढ़ेंगी? यह फैसला पूरी तरह से शिक्षा विरोधी है।”
कांग्रेस महासचिव रावेंद्र सिंह ने जनता को संबोधित करते हुए कहा कि यह फैसला दलित और पिछड़े वर्गों के बच्चों को शिक्षा से वंचित करने का षड्यंत्र है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस गरीबों की आवाज़ बनकर सड़कों पर संघर्ष करेगी।
इस विरोध सभा में छोटेलाल, अशोक सिंह, शिवप्रकाश सिंह, रवि यादव, रमेश कुमार, राकेश पांडेय, अनिल प्रजापति, राजकरण नामदेव, दादू सोनकर सहित अनेक स्थानीय कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
उधर, इस मामले में शुरू से मुखर रहे एआईसीसी के नेता पंकज मिश्र ने भी सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि “सरकार स्कूलों को बंद करने के बजाय उन्हें संसाधनों से लैस करे। शिक्षा से वंचित करने की नहीं, शिक्षा को सुलभ बनाने की आवश्यकता है।” उन्होंने चेताया कि कांग्रेस इसके बाद सड़कों पर उतरकर जोरदार विरोध प्रदर्शन करेगी।






