बाढ़ के पानी की शहर की तरफ निकासी को लेकर बढ़ा विवाद
फतेहाबाद । शहर से गुजरने वाले नेशनल हाइवे बाईपास की एक तरफ के खेतों में ठहरे बाढ़ के पानी की निकासी को लेकर बुधवार को तनावपूर्ण स्थिति बन गई। जिला प्रशासन द्वारा इस पानी को बाईपास के दूसरी तरफ खाली जगह पर निकालने के लिए शहर की तरफ वाले साइफन खोले जा रहे हैं। जैसे ही अशोक नगर, शास्त्री नगर के लोगों को इसकी सूचना मिली तो काफी संख्या में लोग हाईवे पर इकट्ठा हो गए और साइफन खोलने के लिए पहुंची जेसीबी मशीन को रूकवा दिया।
इन लोगों ने साइफन खोलने का जमकर विरोध किया और कहा कि प्रशासन बिना किसी योजना के काम कर रहा है। हाईवे की एक ओर खेतों में खड़े बाढ़ के पानी को साइफन खोल कर शहर की तरफ निकालने की कोशिश की जा रही है, जो कि बिलकुल गलत है। लोगों ने कहा कि अगर प्रशासन इस साइफन को खोलता है तो कुछ ही समय में करीब तीन हजार एकड़ में फैला बाढ़ का पानी शहर की बाहरी कालोनियों को अपनी चपेट में ले लेगा। लोगों ने कहा कि पहले प्रशासन ने शहर को बाढ़ से बचाने के लिए पूरा जी-जान लगा दी और अब शहर की बाहरी कालोनियों में बाढ़ का पानी छोड़ा चाहता है। उन्होंने मांग की कि बाढ़ के पानी की शहर की तरफ निकासी करवाने की बजाय प्रशासन दूसरी विकल्पों पर विचार करे, ताकि शहरवासियों व शहर के साथ लगते खेतों के किसानों को कोई नुकसान न हो।
खेतों को समतल करने के लिए पंजाब से पहुंचे सैकड़ों किसान
जिले के जाखल क्षेत्र के गांव चांदपुरा में तबाही मचाने वाली बाढ़ के बाद अब किसान एकजुट होकर आपसी भाईचारे की मिसाल पेश कर रहे हैं। चांदपुरा साइफन के पास बांध टूटने से पानी के कारण निकली हजारों टन रेत से आसपास के कई किसानों के खेतों में मिट्टी के बड़े-बड़े टीले बन गए। जैसे ही साथ लगते पंजाब के किसानों को इसका पता चला तो सैकड़ों की संख्या में लोग अपनी ट्रैक्टर-ट्रालियां लेकर यहां पहुंच गए।