10 करोड़ रुपये लेकर भ्रष्ट सीईओ का बढ़ा दिया कार्यकाल
प्रमुख सचिव, पशुधन पर वेटेनरी डॉक्टर्स का बड़ा आरोप
जन एक्सप्रेस, राज्य मुख्यालय
संतोष कुमार दीक्षित: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जीरो टॉलरेंस की नीति को कई बड़े अधिकारी पलीता लगा रहे हैं। ताजा मामला प्रमुख सचिव पशुधन से जुड़ा है। वेटेनरी डॉक्टर्स वेलफेयर सोसायटी ने प्रमुख सचिव पशुधन के.रविन्द्र नायक पर 10 करोड़ रुपये लेकर भ्रष्ट मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) डॉ. नीरज गुप्ता का कार्यकाल 6 माह बढ़ाए जाने का आरोप लगाया है। सोयायटी के पदाधिकारियों से प्रेसवार्ता कर मुख्यमंत्री से जांच की मांग की है।
वेटेनरी डॉक्टर्स वेलफेयर सोसायटी के अध्यक्ष डॉ. राजेंद्र खोखर ने बताया कि उप्र में यूपीएलडीवी (उत्तर प्रदेश लाइवस्टॉक डेवलपमेंट बोर्ड) का सोसायटी एक्ट के तहत शासन ने गठन किया था। यूपीएलडीवी के मेंबरों के चयन के लिए एक सख्त प्रक्रिया है। चयन प्रक्रिया में मापदंडों को अनदेखा करके हुए पारले एग्रो लिमिटेड में मैनेजर रहे नीरज गुप्ता को नवंबर 2022 में सीईओ चुना गया, जबकि वेटेनरी विभाग से इनका दूर-दूर तक नाता नहीं था।
नीरज गुप्ता की नियुक्ति पर उठे थे सवाल
डॉ. राजेंद्र खोखर ने बताया कि नीरजा गुप्ता की नियुक्ति को लेकर उस दौरान कई तरह के सवाल खड़े हुए थे। मंत्री से लेकर मलियाबाद विधायक तक ने शिकायत की, कई नेताओं ने भी नियुक्ति को गलत बताया। उस दौरान मंत्री जी ने भी एक्शन लिया, मगर तत्कालीन प्रमुख सचिव ने किसी की नहीं सुनी और नीरज गुप्ता को दो साल के लिए सीईओ का कार्यभार सौंप दिया।
नियुक्ति के समय बेरोजगार थे नीरज गुप्ता
पशु चिकित्सा संघ आगरा के अध्यक्ष डॉ. मनोज कुमार ने आरोप लगाया कि दो साल पहले जब नीरज गुप्ता को यूपीएलडीवी का सीईओ बनाया गया उस दौरान नई गोल्डमेडलिस्ट वेटेनरी डॉक्टर्स को अनदेखा तो किया ही गया। हैरानी की बात ये है कि नीरज गुप्ता उस दौरान पारले एग्रो लिमिटेड में कार्यकत नहीं थे। नौकरी पर नहीं होने के बावजूद भी उनके मिलीभगत से यूपीएलडीवी का सीईओ बनाया गया। उनका कार्यकाल दो साल के लिए था जो 28 नवंबर 2024 को समाप्त हो गया था, लेकिन मिलीभगत से छह माह के लिए कार्यकाल बढ़ा दिया गया।
विभागाध्यक्ष ने नीरज गुप्ता को हटाने को कहा था
पशुपालन विभागाध्यक्ष डॉ. डॉपीएन सिंह (प्रसिद्ध नारायण सिंह) ने नीरज गुप्ता पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए मुख्य सचिव पशुधन के.रविन्द्र नायक को 31 अक्टूबर को पत्र लिखकर यूपीएलडीवी के सीईओ को हटाने के लिए सिफारिश की थी। फाइनेंस कंट्रोलर लेखाधिकारी रितु सिंह ने भ्रष्टाचार से संबंधित सारे डॉक्यूमेंट भी प्रमुख सचिव पशुधन को उपलब्ध कराए थे। जिसके बाद स्वयं प्रमुख सचिव ने 14 अक्टूबर 2024 को नीरज गुप्ता को पत्र लिखकर उन्हें सीईओ के पद के अयोग्य बताते हुए कार्यकाल आगे बढ़ाने से मना कर दिया था।
डेढ़ महीने में ही योग्य हो गए नीरज
हैरानी की बात ये है कि प्रमुख सचिव पशुधन ने 14 अक्टूबर को नीरज गुप्ता को सीईओ पद के योग्य नहीं समझा था, वहीं डेढ़ महीने में ऐसा क्या हो गया कि नीरज गुप्ता योग्य भी हो गए और उनका कार्यकाल भी छह महीने बढ़ा दिया गया। कहीं न कहीं इसमें भ्रष्टाचार की अनदेखी आहट हो रही है।
कार्यदिवस की रात फाइलों की चोरी कर ले गए नीरज
डॉ. राजेंद्र खोखर ने बताया कि नीरज गुप्ता का कार्यदिवस 28 नवंबर 2024 को खत्म हो रहा था। कार्यदिवस की रात करीब साढ़े 12 बजे नीरज अपने बेटे के साथ निजी कार से पशुपालन निदेशालय आते हैं और सिक्योरिटी गार्ड से ताला खुलवाकर कई फाइलों को ले जाते हैं। चौकीदार ने फाइल ले जाने का वीडियो बना लिया।
हटाने की बजाय बढ़ाया कार्यकाल
भ्रष्टाचार की शिकायतों के सबूत देने के बाद भी प्रमुख सचिव पशुधन ने नीरज गुप्ता को सीईओ पद से हटाने की बजाय उनका कार्यकाल छह महीने के लिए और बढ़ा दिया। पशुधन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों समेत राजनीतिक गलियारे में इस बात की चर्चा जोरों पर है कि कहीं न कहीं प्रमुख सचिव ने कार्यकाल बढ़ाने के लिए मोटी रकम ली है।
प्रकरण संज्ञान में नहीं संबंधित मामले के कागजात देखने के बाद ही कुछ बता पाऊंगा।