सरकार की आंखों में धूल झोंककर जेजेएम योजना में किया जा रहा भ्रष्टाचार
अधूरी पड़ी योजना भ्रष्टाचार की दे रही गवाही

जन एक्सप्रेस/चित्रकूट : जल जीवन मिशन योजना से जुड़े भ्रष्ट जिम्मेदार सरकार की आंखों में धूल झोंक कर अपनी जेब भर रहे हैं। जिस धन को सरकार ने ग्रामीणों की पेयजल समस्या दूर करने को दिया है, उन पैसों का जमकर दुरुपयोग किया जा रहा है। कार्यदाई संस्था ‘ जीवीपीआर’ और ‘ एल एंड टी’ सरकार की महत्वाकांक्षी योजना को बर्बाद करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही है। इस योजना को चौपट करने में कार्यदाई संस्था ‘ एल एंड टी’ के प्रोजेक्ट मैनेजर रोहित सहाय और जीवीपीआर के पीएम एस मौर्या पूरी तरह से जिम्मेदार हैं। सरकार अगर इस ओर जल्द ध्यान नहीं दिया तो जल जीवन मिशन योजना जनपद में बहुत बड़ा भ्रष्टाचार के रूप में उभरकर सामने आएगी। राजापुर, पहाड़ी, कर्बी, रामनगर, मानिकपुर, मऊ आदि क्षेत्र में पेयजल संकट बरकार है।
बहिलपुरवा क्षेत्र में अधूरी पड़ी योजना
मानिकपुर क्षेत्र के कर्का पड़रिया, मड़ैयन, रुक्मा खुर्द, रुक्मा बुजुर्ग, कैलहा, दादरीमाफी आदि गावों में जल जीवन मिशन योजना पूरी तरह से धड़ाम है। इन गावों में पाइपलाइन का विस्तार भी सही ढंग से पूरा नहीं हो पाया है। पुरानी पाइपलाइन को ही दिखाकर योजना का कार्य पूरा दिखा दिया गया है। जबकि कनेक्शन का कार्य भी आधा अधूरा पड़ा है। पुरानी टंकियों के मरम्मत में भारी गड़बड़ी की गई है। कागज में खूब पैसा खर्च किया गया है।
चरदहा में नवनिर्मित टंकी हो रही लीकेज
मानिकपुर क्षेत्र के चरदहा ग्राम पंचायत के ठीका गांव में बनी पानी की टंकी ट्रायल में ही जवाब दे दिया है। स्थानीय अजय कुमार ने बताया कि गांव में बनी टंकी चालू होने से पहले ही बह रही है। लाखों की लागत से बनाई गई टंकी में जमकर धांधली की गई है। पूर्व में घटिया मैटेरियल से टंकी निर्माण की शिकायत भी की गई थी लेकिन कोई सुधार नहीं हुआ। इसी का नतीजा है कि योजना चालू होने से पहले ही टंकी लीकेज हो गई है।
भ्रष्टाचार की तेजी से खुल रही पोल
जनपद में जल जीवन मिशन योजना द्वारा कराए गये कार्यों के भ्रष्टाचार की पोल तेजी से खुल रही है। कहीं टंकी लीकेज है तो कहीं टोटी भर लगाकर इति श्री कर लिया गया है। ग्रामीण मुखर होकर भ्रष्टाचार को लेकर आवाज उठा रहे हैं। सरकार की योजना सिर्फ कागजों तक सिमट कर रह गई है। मिलीभगत से खानापूर्ति कर सरकारी धन का बंदरबांट किया जा रहा है।
पुरानी टंकियों के मरम्मतीकरण में भारी धांधली
समूचे जिले में पुरानी टंकियों के रिपेयरिंग के नामपर भारी भरकम बजट को ठिकाने लगाने का कार्य किया गया है। मरम्मत के बाद भी अधिकांश टंकियों का लीकेज बंद नहीं हुआ, यह अपने आप में बहुत बड़ा सवाल है। कार्यदाई संस्था के जिम्मेदार सरकार की महत्वाकांक्षी योजना को फ्लॉफ करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। अगर निष्पक्ष रूप से जांच हो जाएगा तो बहुत बड़ा भ्रष्टाचार सामने आ सकता है।
चिन्हित गावों का भ्रमण कर वापस लौट जाते अधिकारी
जब कभी भी लखनऊ से अधिकारियों की टीम निरीक्षण करने आती है, तब उनको चिन्हित एक- दो गावों की व्यवस्था दुरुस्त कर निरीक्षण करा दिया जाता है। जबकि हकीकत उससे उलट है। चिन्हित गावों की चकाचक व्यवस्था देखकर अधिकारी वापस लौट जाते हैं। मिलीभगत से अधिकारियों की टीम को हकीकत से रूबरू नहीं कराया जाता।






