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स्वास्थ्य विभाग की नोटिस के बावजूद बेसमेंट में चल रहे अवैध अस्पताल, ओपीडी और ऑपरेशन भी हो रहे

जन एक्सप्रेस /अमेठी: जनपद में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के चलते अवैध अस्पतालों का संचालन बेरोकटोक जारी है। गंगागंज मोहल्ले में स्थित अवध अस्पताल बिना लाइसेंस के बेसमेंट में चलाया जा रहा है, जहां ओपीडी और ऑपरेशन किए जा रहे हैं। स्थायी डॉक्टरों की गैरमौजूदगी और मानकों की अनदेखी से मरीजों की जान खतरे में है।

जांच के बाद भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं
स्वास्थ्य विभाग ने जुलाई में नगर प्रशासन और ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों के साथ एक संयुक्त टीम बनाकर अवैध अस्पतालों की जांच करने के निर्देश दिए थे। दिल्ली में हुए बेसमेंट हादसे के बाद जिले में भी बेसमेंट में संचालित अस्पतालों और क्लीनिकों के खिलाफ अभियान चलाया गया, जिसमें कई अवैध अस्पतालों का खुलासा हुआ। बावजूद इसके, अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है।

स्थायी डॉक्टरों की गैरमौजूदगी, मरीजों की सुरक्षा दांव पर
गंगागंज में स्थित अवध अस्पताल इसका प्रमुख उदाहरण है, जहां बेसमेंट में ही न सिर्फ ओपीडी चल रही है, बल्कि ऑपरेशन भी किए जा रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, अस्पताल का लाइसेंस पिछले 6-7 महीनों से नवीनीकृत नहीं हुआ है। निरीक्षण के दौरान यह भी पाया गया कि अस्पताल में स्थायी चिकित्सक नहीं हैं और जरूरत पड़ने पर डॉक्टरों को बुलाया जाता है।
स्वास्थ्य विभाग ने स्वीकार की अनियमितता, पर कार्रवाई अधर में सीएचसी अधीक्षक डॉ. आलोक त्रिपाठी ने स्वीकार किया है कि बेसमेंट में अस्पताल का संचालन नियमों के खिलाफ है और शासन द्वारा प्रतिबंधित है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में उच्चाधिकारियों को रिपोर्ट भेजी गई है, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।

बेसमेंट में अस्पताल संचालन कितना खतरनाक?
स्वास्थ्य मानकों के अनुसार, बेसमेंट में अस्पताल संचालित करने से कई गंभीर खतरे हो सकते हैं, जैसे:
✔ ऑक्सीजन की कमी और वेंटिलेशन की समस्या
✔ आग लगने या आपदा की स्थिति में मरीजों की सुरक्षा खतरे में
✔ स्वास्थ्य विभाग की गाइडलाइंस का उल्लंघन

प्रशासन की चुप्पी से मरीजों की जान जोखिम में
स्थानीय निवासियों ने स्वास्थ्य विभाग की निष्क्रियता पर सवाल उठाए हैं। एक मरीज के परिजन ने बताया, “हम लोग सोचते थे कि यह एक रजिस्टर्ड अस्पताल है, लेकिन यहां न सुविधाएं हैं, न ही डॉक्टर समय पर आते हैं। ऑपरेशन के दौरान भी लापरवाही बरती जाती है।”

कब होगी कार्रवाई?
अवैध अस्पतालों का यह मामला प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाता है। अगर समय रहते ठोस कार्रवाई नहीं हुई, तो यह मरीजों की जान के लिए बड़ा खतरा बन सकता है।
जन एक्सप्रेस न्यूज़ इस मुद्दे को लेकर आगे भी स्वास्थ्य विभाग से जवाब मांगेगा।

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