वही 2019 की भयावह दशा जिसमें लोग एक दूसरे को देखने को तरस गए थे , ऐसी भयावह दशा जिसमें इन्सान सांसें तो ले रहा था किन्तु लग रहा था कि जैसे दुनियां ठहर सी गई हो , जैसे समय चक्र ठहर सा गया हो , जिसमें लगता था कि अब बहुत भयानक नरसंहार हो जायेगा जिसमें शायद कोई भी बच नहीं पायेगा ? लगता था कि जैसे अब ईश्वर के नाम के सिवा कुछ नहीं बचा था , ऐसा भयावह दृश्य जिसमें दवा और ऑक्सीजन कोई काम नहीं कर रही थी ! उस समय लगता था कि इन्सान को इन्सान के कैसे काम आना चाहिए ? पैसा , बड़े आलीशान बंगला और दौलत जीने के लिए कोई काम नहीं आ रहें थे । इन्सान धर्म के प्रकार को जैसे भूल गया था , बस इन्सानियत की ख़ैर और दुआ करता नज़र आ रहा था । ईश्वर करें वही भयावह स्थिति अब नहीं आए , इसके लिए हमें फिर से सजग रहने की ज़रूरत है , क्योंकि भारत में कोरोना की चौथी लहर फिर से डराने लगी है । कोरोना की रफ़्तार फिर से तेज़ी पकड़ने लगी है । कोरोना की पचास से अधिक म्यूटेशन वाला ओमीक्रोन वेरियंट जो दुनियाँ के कई हिस्सों में संक्रमण की ताज़ा लहर के साथ आ रहा हैं । भारत में यह दिसम्बर से फैलना शुरू हो गया था और अब तेज़ी के साथ फैल रहा है । ऐसे में हमें सरकार की दी हुई गाईडलाइन और एहतियात की ज़रूरत है । इससे कई राज्य बेहाल हो रहें हैं । वह बिता हुआ पिछला समय ईश्वर नहीं करें फिर से आए , इसके लिए हम सभी को फिर से सजग रहने की ज़रूरत है । यह हम सबकी ज़िम्मेदारी बनती हैं ।
यूनानी चिकित्सक और कर्मचारी की भूमिका __
उस समय संक्रमित व्यक्ति के मोहल्ले में या क्वारेंटाईन सेंटर पर जा कर यूनानी जोशांदा काढ़ा पिलाने वाला यूनानी चिकित्सक या उसका कर्मचारी ही था जो निडर होकर संक्रमित गली में जा कर संक्रमित व्यक्ति को इम्यूनिटी सिस्टम को मजबूत करने में लगा था मगर सरकार ने प्रोत्साहन राशि किसी भी आयुष को नहीं देकर सिर्फ़ एलोपैथिक अधिकारी या उनके कर्मचारी को ही देना मुनासिब समझा ? मुसीबत में आयुष यूनानी चिकित्सक याद आते हैं लेकिन प्रोत्साहन राशि देते समय उसे भूल जाते हैं । सिर्फ़ एलोपैथिक अधिकारी और उनके कर्मचारी ही याद रहते हैं । इसके संदर्भ में कविता के कुछ अंश यहां दिए हैं __
” कोरोना में आयुष ने निडर बन किया था काम ।
उसे ही ना दिया प्रोत्साहन राशि का ईनाम ।।
जो छिप छिप कर ताके दूरियां बना कर बैठे थे ।
अफ़सोस है लिस्ट में जोड़ा उनका ही नाम ।। ”
कोरोना किसने नाम दिया __
COVID _19 विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा 11 फरवरी 2020 को नोवेल कोरोना वायरस SARS _COV2 के कारण होने वाले रोग के लिए नाम दिया गया था । यह 2019 के अन्त में वुहान (चीन) से शुरू हुआ था और तब से आज तक सारी दुनियाँ में फ़ैला हुआ है ।
COVID _19 का विस्तारित रूप है __Corona Virus Disease 2019 , यह ऐसा संक्रमण है जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति के सम्पर्क में आने से फैलता है , संक्रमित व्यक्ति के खांसने से जो बारीक कण दूसरे के नाक या मुंह तक प्रवेश करने से संक्रमित होता हैं । अगर व्यक्ति पॉजीटिव आता है तो उसे ठीक होने में कम से कम 14 दिनों तक क्वारेंटाइन यानि एकांत में रहने की आवश्यकता होती हैं ।
लक्षण __वर्तमान में अभी सर्दी , खांसी , जुकाम , बुखार , अधिक पसीना आना , जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द या ऐंठन होना , सुगंध नहीं आना , स्वाद नहीं आना , गले में दर्द , सांस लेने में दिक्कत , अनिद्रा , घबराहट , दस्त लगना , कमज़ोरी मेहसूस होना हो सकता हैं । न्यूरो से सम्बन्धित लक्षणों में अनिद्रा , अवसाद , चिन्ता , घबराहट हो सकती हैं ।
जांचें क्या होती हैं __
इसके लिए खून की जॉच नहीं होती हैं , इसके लिए गले की खराश या फिर नाक की स्वैब के जरिए या आर टी पी सी आर जॉच की जाती हैं ।
बचाव के उपाय __
(1) बातचीत के दौरान कम से कम तीन फीट की दूरी रखें ।
(2) सार्वजनिक रूप से मास्क ज़रूर लगा कर रखें ।
(3) सफ़ाई , दवाई , कड़ाई का पालन करें ।
(4) भीड़ वाली जगह से बचें , ख़ास कर पांच वर्ष से छोटे बच्चें , गर्भवती महिला और बुजुर्ग ।
(5) ज्यादा पानी पीएं ।
(6) हाथ मिलाने के बजाय दूर से ही आदर सत्कार करें एवं बार बार साबुन से हाथ धोएं ।
(7) ताज़ा फल , पोष्टिक आहार लें ।
(8) नियमित व्यायाम करें
(9) यूनानी जोशांदा काढ़ा का प्रयोग नियमित करें ।
(10) बार बार साबुन से हाथ धोएं एवं सैनिटाइजर का प्रयोग करें ।
_प्रोटीन , सब्जियां , फाइटो पोषक तत्व व पर्याप्त पानी का सेवन करें ।
_मरीज़ 3 से 6 महीने तक पिछले लक्षणों को महसूस कर सकता हैं । यूनानी चिकित्सक से परामर्श लें ।
_यदि मरीज़ मध्यम या गम्भीर संक्रमण से निकला हो तो न्यूरो से सम्बन्धित लक्षण दिखाई दे सकते हैं जिसे कोविड _19 सिंड्रोम कहते हैं ।
_ रोगी अक्सर 2 _4 सप्ताह में ठीक हो जाता हैं मगर कुछ चार सप्ताह से अधिक समय तक बने रह सकते हैं तो ऐसी स्थिति को एक्यूट पोस्ट कॉविड सिंड्रोम कहेंगे।
_ यदि लक्षण 12 महीने से अधिक रहें तो उसे पोस्ट कॉविड सिंड्रोम के नाम से जाना जाता हैं ।
यूनानी का जोशांदा काढ़ा के घटक __उन्नाब , गांउज्बान, गुले बनाफ्शा, हंसराज , तुख्म खत्मी , तुख़्म खुब्बाजी , लहस्वा , मुलेठी है । इसे रोज़ाना एक बार ज़रूर सेवन करते रहें । फिर भी निकटतम यूनानी चिकित्सक से परामर्श ज़रूर लें ।
डॉ. लियाकत अली मंसूरी
(न्यूरो यूनानी चिकित्सक एवं हिजामा स्पेशियलिस्ट )
गवर्नमेंट यूनानी डिस्पेंसरी
देवली, टोंक
संपर्क: 9414326317