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चित्रकूट के राजापुर में ‘चेतन्ना पाली क्लीनिक’ बना लूट और फर्जीवाड़े का अड्डा!

बिना डिग्री, बिना विशेषज्ञ, अवैध सोनोग्राफी से लेकर डिलीवरी तक चल रहा मौत का खेल

जन एक्सप्रेस/चित्रकूट : राजापुर में संचालित ‘चेतन्ना पाली क्लीनिक’ आज चित्रकूट जिले के चिकित्सा विभाग के लिए बड़ा सिरदर्द बन चुका है। जहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निजी चिकित्सा संस्थानों पर कड़ा शिकंजा कसने का आदेश दे रखा है, वहीं यह फर्जी क्लीनिक वर्षों से प्रशासन और नियमों की आंखों में धूल झोंककर आम जनता की जिंदगी से खिलवाड़ कर रहा है।

नाम बदलकर चिकित्सा विभाग को कर रहा गुमराह
जानकारी के अनुसार चेतन्ना पाली क्लीनिक का नाम कई बार बदला जा चुका है, ताकि जिला चिकित्सा विभाग की निगाहों से बचा रह सके। बिना इमेजिंग स्पेशलिस्ट के ही यहां एक्स-रे और सोनोग्राफी जैसे संवेदनशील कार्य धड़ल्ले से किए जा रहे हैं।

फर्जी डिग्री और नाबालिगों के हवाले इलाज, मरीज बेहाल
सूत्रों की मानें तो क्लीनिक में फर्जी डिग्री रखने वाले तथाकथित डॉक्टर इलाज कर रहे हैं, जबकि कई बार तो नाबालिग और बिना किसी चिकित्सा योग्यता वाले व्यक्ति भी मरीजों का इलाज करते देखे गए हैं। यह न केवल स्वास्थ्य नियमों का उल्लंघन है, बल्कि गंभीर आपराधिक लापरवाही भी है।

लोकल दवाओं से गरीब मरीजों की जान से खिलवाड़
क्लीनिक में अनाधिकृत स्टेट की लोकल दवाएं दी जा रही हैं, जिनकी गुणवत्ता और प्रभाव पर कोई नियंत्रण नहीं है। इससे गरीब और भोली-भाली जनता के जीवन के साथ गंभीर खिलवाड़ हो रहा है।

डीएनसी और अवैध डिलीवरी का अड्डा बना क्लीनिक
यह कथित अस्पताल अवैध गर्भपात (DNC), गैरकानूनी डिलीवरी और अन्य चिकित्सा काले कारनामों का हब बन चुका है। लगातार शिकायतों के बावजूद चिकित्सा विभाग की चुप्पी इस पूरे खेल में मिलीभगत या लापरवाही का संकेत देती है।

मुख्यमंत्री के आदेशों की खुलेआम उड़ रही धज्जियां
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा निजी क्लीनिक और हॉस्पिटल्स पर पारदर्शिता और कड़े नियंत्रण के आदेश जारी हैं, लेकिन चेतन्ना पाली क्लीनिक इन सभी नियमों को खुलेआम धता बता रहा है।

जनहित की मांग: कार्रवाई कब होगी?
चित्रकूट की जनता पूछ रही है —

  • क्या चिकित्सा विभाग इस घोर लापरवाही पर आंखें मूंदे रहेगा?
  • कब होगी चेतन्ना पाली क्लीनिक पर कठोर कार्रवाई?
  • कब तक मरीजों की जिंदगी से होता रहेगा ये मौत का खेल?

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