मध्यप्रदेश

आमदनी बढ़ाने के लिए पारंपरिक खेती के साथ उद्यानिकी भी अपनाएं किसान: कुशवाह

ग्वालियर । सरकार की मंशा है कि किसानों की जेब में पूरी साल पैसा रहे। केवल पारंपरिक खेती अर्थात रबी व खरीफ फसलों से किसानों की आमदनी दोगुनी नहीं हो सकती। इसके लिए उद्यानिकी फसलें अपनाना जरूरी है। सरकार द्वारा उद्यानिकी फसलों को बढ़ावा देने के लिये बड़ा अनुदान दिया जाता है। ग्वालियर जिले के किसान सरकार की योजनाओं का लाभ उठाकर अपनी आमदनी बढ़ाएँ।

यह आह्वान उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) भारत सिंह कुशवाह ने गुरुवार को मेला रोड़ स्थित उद्यानिकी विभाग की रोपणी में “खुशहाल किसान” विषय पर आयोजित राज्य स्तरीय कार्यशाला के समापन अवसर पर किसानों से किया।

उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग द्वारा आयोजित इस कार्यशाला में जिले के लगभग 300 किसानों को कृषि वैज्ञानिकों ने उद्यानिकी फसलें लेने की बारीकियां सिखाईं। कार्यशाला के समापन सत्र की अध्यक्षता जिला पंचायत अध्यक्ष दुर्गेश कुँवर सिंह जाटव ने की। राज्य मंत्री कुशवाह ने इस अवसर पर विभिन्न कृषकों को स्प्रे पम्प व मसाला किट वितरित की। साथ ही बागवानी कार्य अर्थात माली का प्रशिक्षण देने के लिये रोपणी परिसर में बनकर तैयार हुए प्रशिक्षण केन्द्र का लोकार्पण भी उन्होंने किया। इस आवासीय प्रशिक्षण केन्द्र के जरिए 30 लोगों को एक साथ माली का प्रशिक्षण दिया जा सकेगा।

इस अवसर पर जनपद पंचायत मुरार के अध्यक्ष दिलराज सिंह किरार सहित जिला पंचायत व जनपद पंचायत के सदस्यगण, राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. एके शुक्ला, हिसार हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के वरिष्ठ वैज्ञानिक प्रबलजीत सिंह, राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित उज्जैन के उन्नत कृषक योगेन्द्र कौशिक सहित देश के अन्य उन्नत कृषक, कृषि वैज्ञानिक डॉ. राजसिंह कुशवाह समेत अन्य कृषि विशेषज्ञ और संयुक्त संचालक उद्यानिकी भदौरिया एवं सहायक संचालक उद्यानिकी एमपीएस बुंदेला मौजूद थे।

ग्वालियर क्षेत्र को सरकार ने उद्यानिकी के क्षेत्र में बड़ी-बड़ी सौगातें दी हैं

मंत्री भारत सिंह कुशवाह ने कहा कि केन्द्र व राज्य सरकार ने ग्वालियर एवं चंबल क्षेत्र को उद्यानिकी के क्षेत्र में बड़ी-बड़ी सौगातें दी हैं। उन्होंने बताया कि ग्वालियर में निरोगी आलू बीज उत्पादन के लिये अत्याधुनिक एरोकॉनिक लैब, नेशनल हाईवे पर बनने जा रही 45 करोड़ रुपये लागत की हाईटेक नर्सरी, ग्वालियर में नेशनल हॉर्टिकल्चर बोर्ड का क्षेत्रीय कार्यालय, इजराइल के सहयोग से बामोर-नूराबाद के समीप इजराइल के सहयोग से सब्जी, फल-फूल एवं मसाला फसलों के लिये 10 करोड़ रुपये की लागत से बने एक्सीलेंस सेंटर, ग्वालियर व मुरैना में इंक्यूबेशन सेंटर सहित अन्य संस्थाओं की स्थापना ग्वालियर क्षेत्र में की है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने हर संभाग में एक करोड़ रुपये की लागत से ट्रेनिंग सेंटर खोलने का निर्णय भी लिया है।

फूड प्रोसेसिंग यूनिट खोलने के लिएं आगे आएँ किसान

मंत्री कुशवाह ने कहा कि सरकार की मंशा है कि किसान आत्मनिर्भर बनने के साथ-साथ दूसरों को रोजगार देने वाले भी बनें। इस उद्देश्य से सरकार द्वारा खाद्य प्रसंस्करण इकाई (फूड प्रोसेसिंग यूनिट) स्थापित करने के लिये बड़ा अनुदान दिया जा रहा है। ग्वालियर जिले में हाल ही में 62 खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों की मंजूरी दी गई है। उन्होंने कहा कि सरकार फूड प्रोसेसिंग यूनिट के लिये 35 प्रतिशत तक अनुदान देती है। साथ ही कोल्ड स्टोर की स्थापना के लिये केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा 2 करोड़ से लेकर 10 करोड़ रुपये तक का अनुदान दिया जाता है। एक छोटी सी प्रोसेसिंग यूनिट के जरिए 10 लोगों को रोजगार मिलता है।

सरकार ने आर्थिक सशक्तिकरण के साथ महिलाओं का मान-सम्मान भी बढ़ाया

सरकार ने महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण के साथ-साथ उनका मान-सम्मान भी बढ़ाया है। इसी दिशा में प्रदेश सरकार ने क्रांतिकारी “मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना” शुरू की है। यह बात उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) भारत सिंह कुशवाह ने गुरुवार को शहर के वार्ड-63 में स्थित कृष्णा विहार कॉलोनी, जलालपुर व गंगा मालनपुर में विकास कार्यों के भूमिपूजन एवं लोकार्पण कार्यक्रमों में कही। उन्होंने इस अवसर पर लगभग एक करोड़ 11 लाख रुपये लागत के विकास कार्यों का भूमिपूजन एवं लोकार्पण किया।

मंत्री कुशवाह ने इन कार्यक्रमों में मौजूद महिलाओं का आह्वान किया कि मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना के तहत महिलाओं को लाभान्वित कराने के लिये 25 मार्च से फार्म भरने का सिलसिला शुरू होगा। इससे पहले सभी महिलाएँ अपनी समग्र आईडी व आधार का मिलान (ई-केवायसी) अवश्य करा लें। साथ ही जिनके बैंक में खाते नहीं हैं वे अपने खाते खुलवा लें।

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