सीएम काफिले में ‘पानी वाला डीजल’! रतलाम में मची अफरा-तफरी, 19 गाड़ियां हुईं बंद
डोसीगांव के पेट्रोल पंप से भरा गया डीजल बना सिरदर्द, अफसरों की उड़ी नींद—CM की सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल

जन एक्सप्रेस/रतलाम : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के काफिले की गाड़ियां रतलाम में उस वक्त एक-एक कर बंद हो गईं, जब उनमें एक पेट्रोल पंप से ‘पानी मिला डीजल’ भरवाया गया। 19 इनोवा कारों और एक ट्रक के बंद हो जाने से प्रशासन में हड़कंप मच गया और अफसर रात एक बजे तक पेट्रोल पंप पर डटे रहे। प्रारंभिक जांच में सामने आया कि डीजल में 50% तक पानी की मिलावट थी।
मुख्यमंत्री के काफिले में गड़बड़ी—संयोग या साजिश?
गुरुवार रात मुख्यमंत्री के रतलाम आगमन से पहले डोसीगांव स्थित ‘शक्ति फ्यूल्स’ पेट्रोल पंप से डीजल भरवाने के बाद गाड़ियां कुछ ही दूर चलीं और फिर एक-एक कर बंद होती चली गईं। काफिले में शामिल 19 इनोवा कारें और एक ट्रक चंद मिनटों में सड़क किनारे खड़ी हो गईं।
जांच में निकला ‘आधा पानी-आधा डीजल’, पंप सील
नायब तहसीलदार आशीष उपाध्याय, खाद्य एवं आपूर्ति अधिकारी सहित प्रशासनिक अमला मौके पर पहुंचा। जांच में पाया गया कि 20 लीटर डीजल में करीब 10 लीटर पानी था। इसके बाद पेट्रोल पंप को तत्काल सील कर दिया गया। भारत पेट्रोलियम के एरिया मैनेजर ने सफाई दी कि बारिश के कारण टैंक में पानी रिस गया होगा, लेकिन सवाल यह है कि पेट्रोल पंप प्रबंधन की निगरानी कहां थी?
सीएम सुरक्षा में भारी चूक—कहीं बड़ी साजिश तो नहीं?
मुख्यमंत्री की सुरक्षा से जुड़ी गाड़ियों में इस तरह की गंभीर लापरवाही ने सुरक्षा व्यवस्था पर भी गंभीर प्रश्नचिन्ह खड़े कर दिए हैं। यदि यह संयोग है तो भी लापरवाही की चरम सीमा है, और यदि यह सुनियोजित साजिश है तो सुरक्षा तंत्र की खामियों को उजागर करने वाली बड़ी चूक है। गाड़ियों के ठप होते ही इंदौर से तत्काल नई गाड़ियां मंगवाई गईं, ताकि मुख्यमंत्री तय कार्यक्रम में शामिल हो सकें।
प्रशासन और कंपनी दोनों सवालों के घेरे में
यह घटना न केवल ईंधन आपूर्ति व्यवस्था की पोल खोलती है, बल्कि सीएम स्तर की सुरक्षा में इतनी बड़ी चूक प्रशासनिक तंत्र की लापरवाही का खुला उदाहरण है। अब देखना यह है कि क्या यह मामला सिर्फ एक ‘बारिश की वजह से हुआ हादसा’ बनकर दबा दिया जाएगा, या फिर दोषियों पर कार्रवाई कर एक मिसाल पेश की जाएगी।