वाराणसी

ज्ञानवापी के मूल वाद में हुई सुनवाई, 25 अक्टूबर को आ सकता है फैसला

Listen to this article

वाराणसी । ज्ञानवापी के मूल 32 साल पुराने मामले में शनिवार को सिविल जज सीनियर डिविजन फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई हुई। ज्ञानवापी से जुड़े वर्ष 1991 के लार्ड विश्वेश्वर वाद में प्रतिवादी पक्ष अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी ने न्यायालय में अपना पक्ष रखा।

मसाजिद कमेटी और वक्फ बोर्ड के अधिवक्ताओं ने अपनी-अपनी दलील पेश किया। साथ ही इलाहाबाद हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के कई निर्णय का विवरण भी दिया। उसकी नकल न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया। इस मामले में अब दोनों पक्षों की बहस पूरी हो गई है। अदालत ने 25 अक्टूबर को अगली सुनवाई की तिथि तय की है। माना जा रहा है कि अदालत ने जवाबी दलील के बाद पत्रावली आदेश के लिए सुरक्षित रख लिया है। 25 अक्टूबर को ही इस मामले में फैसला आ सकता है।

इसके पहले की सुनवाई में वाद मित्र विजय शंकर रस्तोगी की ओर से जवाबी दलील दी गई। न्यायालय ने इस मामले में सुनवाई की तिथी 19 अक्टूबर तय की थी। वर्ष 1991 के लार्ड विश्वेश्वर वाद में वादी हिन्दू पक्ष ने ज्ञानवापी के सेंट्रल डोम के नीचे शिवलिंग होने का दावा किया था। वादी पक्ष ने ज्ञानवापी परिसर के बचे शेष स्थल का खुदाई करा कर एएसआई सर्वे कराने की मांग अदालत से वाद के जरिए की है। प्रतिवादी मुस्लिम पक्ष ने खुदाई करा कर एएसआई सर्वे कराने का विरोध अदालत में किया है।

गौरतलब हो कि वर्ष 1991 में अधिवक्ता दान बहादुर, सोमनाथ व्यास, डॉक्टर रामरंग शर्मा, हरिहर पाण्डेय ने वाद दाखिल किया था। सुनवाई के बीच 1998 में प्रतिपक्ष ने हाईकोर्ट जाकर मामले में स्टे ले लिया। वर्ष 2018 में सुप्रीम कोर्ट का आदेश के बाद स्टे प्रभावहीन होने पर वर्ष 2019 में हिन्दू पक्ष ने फिर एएसआई सर्वे की मांग रखी।

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button