हाई कोर्ट ने लगाई डीए आंदोलन के नेता की गिरफ्तारी पर रोक
कोलकाता । कलकत्ता उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने बुधवार को बंगाल में महंगाई भत्ता (डीए) आंदोलन के नेता भास्कर घोष को गिरफ्तारी से सुरक्षा प्रदान की है। राज्य सरकार के कर्मचारी केंद्र सरकार के कर्मचारियों के बराबर डीए और उस पर मिलने वाले एरियर की मांग कर रहे हैं। न्यायमूर्ति अमृता सिन्हा की एकल पीठ ने इस साल की शुरुआत में घोष के खिलाफ दर्ज एक मामले में गिरफ्तारी समेत किसी भी तरह की कड़ी कार्रवाई से सुरक्षा प्रदान की है।
घोष डीए आंदोलन का नेतृत्व करने वाले राज्य सरकार के कर्मचारी संघों के संयुक्त मंच के संयोजक हैं। हालांकि, न्यायमूर्ति सिन्हा ने कहा कि पुलिस मामले में तय समय के अनुसार अपनी जांच जारी रख सकेगी।
मामले की अगली सुनवाई 18 जुलाई को होगी। घोष के वकील ने बुधवार को दावा किया कि पुलिस उनके मुवक्किल और उनके सहयोगियों के खिलाफ झूठे आरोप लगा रही है, क्योंकि वे राज्य सरकार के कर्मचारियों की केंद्र सरकार के कर्मचारियों के बराबर डीए भुगतान की वैध मांग के समर्थन में आंदोलन कर रहे थे। घोष के वकील ने दावा किया, “मेरे मुवक्किल के खिलाफ कई झूठे मामले दर्ज किए गए हैं। उनका एकमात्र उद्देश्य उन्हें सलाखों के पीछे डालना है।