देश

हाईकोर्ट ने जॉइंट फोरम के नेता भास्कर घोष को दी सुरक्षा

कोलकाता । कलकत्ता हाईकोर्ट की एकल-न्यायाधीश पीठ ने बुधवार को पश्चिम बंगाल सरकार के कर्मचारियों के जॉइंट फोरम के नेता भास्कर घोष को पुलिस की जबरन कार्रवाई से सुरक्षा प्रदान की है।

भास्कर घोष के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी, जिसमें उन पर 27 अगस्त को राज्य सचिवालय, नवान्न के लिए आयोजित ‘नवान्न अभियान’ (मार्च टू स्टेट सेक्रेटेरियट) में भाग लेने का आरोप है। यह विरोध प्रदर्शन आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक जूनियर डॉक्टर के जघन्य बलात्कार और हत्या के खिलाफ किया गया था।

जॉइंट फोरम, विभिन्न राज्य सरकार के कर्मचारियों का एक संगठन है। ये केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के बराबर महंगाई भत्ते और उससे जुड़े बकाया की मांग को लेकर लंबे समय से आंदोलन कर रहा है। फोरम ने दो सितंबर को न्यायमूर्ति राजर्षि भारद्वाज की एकल-न्यायाधीश पीठ के समक्ष याचिका दायर कर पुलिस की जबरन कार्रवाई से सुरक्षा की मांग की थी।

फोरम ने छात्रों के एक समूह द्वारा आयोजित ‘नवान्न अभियान’ का समर्थन किया था और 27 अगस्त को कई सदस्य इस विरोध मार्च में शामिल हुए थे। मामले की विस्तृत सुनवाई के बाद, बुधवार को एकल-न्यायाधीश पीठ ने पुलिस को भास्कर घोष के खिलाफ दर्ज एफआईआर के आधार पर किसी भी तरह की जबरन कार्रवाई करने से रोक दिया है, जब तक कि अदालत के आगे आदेश न आ जाए।

हाल ही में, कलकत्ता हाईकोर्ट की अन्य एकल-न्यायाधीश पीठ की न्यायमूर्ति अमृता सिन्हा ने ‘नवान्न अभियान’ के एक संयोजक, सायन लाहिरी को जमानत दी थी। न्यायमूर्ति सिन्हा ने पुलिस को न केवल विरोध मार्च से जुड़े मामले में बल्कि उनके खिलाफ दर्ज किसी भी अन्य मामले में भी जबरन कार्रवाई करने से रोक दिया था।

लाहिरी को अगले ही दिन रिहा कर दिया गया। हालांकि, राज्य सरकार ने इस एकल-न्यायाधीश पीठ के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।

दो सितंबर को, सुप्रीम कोर्ट की न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की खंडपीठ ने राज्य सरकार की याचिका खारिज कर दी और यह माना कि “प्रथम दृष्टया” लाहिरी के मामले में जमानत का मामला बनता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button