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नेपाल सुप्रीम कोर्ट का महत्वपूर्ण फैसला, मां के नाम पर भी पाल्यों को मिलेगी नागरिकता

डबल बेंच ने फैसले की कॉपी सरकार और सभी जिला अधिकारियों को अनुपालन के लिए भेजी

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जन एक्सप्रेस/अशोक उपाध्याय

भारत नेपाल सीमा, बहराइच। नेपाल सुप्रीम कोर्ट की डबल बेंच ने अपने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि पाल्यों को मां ( नेपाली भाषा में आमा) के नाम पर नागरिकता पाने का अधिकार है। ऐसे मामलों में भी जहां पिता का नाम किन्ही कारणों से नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले के आदेश की प्रति नेपाल के सभी जिलों के जिलाधिकारी और नेपाल सरकार को अनुपालन के लिए भेज दी है। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से नेपाल में भी मातृत्व शक्ति को बढ़ावा मिला है। हालांकि भारत में एक दशक पूर्व से यह आदेश लागू है। यहां तक कि सभी दस्तावेजों में पिता के साथ मां का नाम लिखने का निर्देश है।

नेपाल के ललितपुर नगर पालिका निवासी विंद्या महरजान और उनकी बेटी क्रिस्टीना महरजन की ओर से नागरिकता को लेकर एक याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई थी। जिसमें मां की नागरिकता होने पर उसके पाल्य को भी नागरिकता देने की मांग की गई थी। जिस पर सुनवाई करते हुए नेपाल सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अनिल कुमार सिन्हा और नहकुल सुबेदी द्वारा महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए कहा गया है कि मां की नागरिकता के आधार पर पाल्य को भी नागरिकता मिलने का समान अधिकार है।

सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश को अब सार्वजनिक कर दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश नेपाल में मातृत्व अधिकारों को लेकर काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। वही नागरिकता अधिकारों को लेकर यह आदेश मिसाल बनेगा।

अब पिता की नागरिकता न होने के अभाव में बच्चे नागरिकता से वंचित नहीं रहेंगे। मां की नागरिकता से जुड़ी जानकारी के आधार पर बच्चों के संबंध में पूरी जानकारी हासिल करने में मदद मिलेगी। भले ही पिता के संबंध में किन्हीं कारण से पूरी जानकारी उपलब्ध न हो। साथ ही बच्चे नागरिकता से वंचित नहीं रहेंगे। सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लैंगिक समानता और मातृत्व अधिकार संरक्षण की बड़ी जीत माना जा रहा है।

इस ऐतिहासिक फैसले से साफ हो गया है कि पिता की पहचान के बारे में जानकारी के बिना पैदा हुए बच्चे भी नागरिकता प्राप्त कर सकते हैं। जिससे नेपाली नागरिक के रूप में उनकी कानूनी स्थिति और अधिकार सुरक्षित हो जाएंगे। सुप्रीम कोर्ट की डबल बेंच के इस फैसले की प्रति सरकार और सभी जिलों के जिलाधिकारी को अनुपालन के लिए भेजी गई है। हालांकि विस्तृत व्याख्या जल्दी जारी की जाएगी।

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