जिला महिला अस्पताल के विरुद्ध पीड़ित महिला का बयान,मेडिकल स्टोर चलाने वाले के,चमचों को हजम नहीं हो रहा

जन एक्सप्रेस/जौनपुर: जौनपुर जिला महिला अस्पताल में किस तरह से मरीजों को परेशान किया जाता है यह पूरी तरह से जग जाहिर है। लेकिन जिला महिला अस्पताल की बदौलत मेडिकल स्टोर चलाने वाले व्यक्ति जिसकी कई चिकित्सको और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों से सेटिंग गेटिंग रहती है उसके चमचों को पीड़ित महिला के दिए गए बयान पर खबर चलना इतना न गंवार गुजरा की पीड़ित महिला और खबर चलाने एवं लिखने वालों को ही गलत साबित करने के लिए। स्वयं की बेचैनी कम करने के लिए यह लिख कर दर्शाने का प्रयास किया जा रहा है कि सोशल मीडिया पर झूठी खबर यानी झूठी पोस्ट से धार्मिक भावनाएं भड़काने की कोशिश की जा रही है, अस्पताल प्रशासन ने पीड़ित महिला की पीड़ा को सोशल मीडिया के माध्यम से दिखाने और खबर समाचार पत्रों में लिखने वालो को ऐसा न करने की चेतावनी तक दे डालने की खबर बना कर चलाई जा रही है।जो अपने आप में खुद ही एक सवालिया मुद्दा है।यह बात एक बार जरूर सोचना चाहिए था मेडिकल स्टोर चलाने वाले और उसके चमचों को कि पीड़ित के बयान पर ही सोशल मीडिया और समाचार पत्रों में खबर छपी है। किसी ने भी अपनी मर्जी से कुछ भी नहीं दिखाया है और नहीं लिखा है।अब यह प्रश्न उठता है कि जिला महिला अस्पताल प्रशासन क्या दूध का धुला हुआ है के सबको चेतावनी दे रहा है। जिला महिला अस्पताल में लगभग हर दिन आने वाले मुख्य रूप से निर्धन असहाय मरीजो एवं उनके परिजनों से कुछ चिकित्सको और स्टाफ नर्सो के द्वारा धन उगाही के लिए अमानवीय व्यवहार तक किया जाता है,लेकिन उनकी पीड़ा इसी अस्पताल के किसी कोने में दम तोड़ देती वह भी इस लिए कि न तो उनकी पीड़ा को कोई कम करने वाला होता है और नही उनको सुनने वाला कोई दूर दूर तक नजर आता है। कभी कभी ही कोई अपने काम के प्रति इमानदारी से कर्तव्यों का पालन करते हुए पत्रकार पीड़ित की पीड़ा को सोशल मीडिया या ख़बरों को समाचार पत्रों के माध्यम से उजागर करने का प्रयास करता है तो। उसकी सच्ची खबर को दबाने के लिए विभिन्न प्रकार का हथकंडा अपनाते हुए। पत्रकार द्वारा लिखी गई और दिखाई गई खबर को ही भ्रामक और झूठी बताकर प्रशासन के साथ ही भोली भाली जनता को भी गुमराह करने की पूरी तरह कोशिश की जाती है। और यह पहली बार नहीं हुआ है जब कभी भी इस तरह का मामला पत्रकारों द्वारा सामने लाया जाता है तो किसी न किसी शक्ल में एक दो चिरकुट किस्म के लोग अपनी दाल रोटी के लिए खबर को झूठी एवं भ्रामक कह कर समाज में फैलाने का भरपूर प्रयास करते जैसे वर्तमान समय में एक मेडिकल स्टोर चलाने वाले के षड्यंत्र में फस कर चमचों ने पीड़ित के द्वारा दिए गए बयान वाली चलाई एंव समाचार पत्रों में छपी खबरे को भ्रामक एवं झूठी बताने का कार्य किया जा रहा है। जिसका अब शहर की जनता ही फैसला करेगी कौन सच्ची खबर दिखा रहा है और कौन जिला महिला अस्पताल की बदौलत अपना मेडिकल स्टोर चलाने वाला सही खबर को झूठी खबर साबित करवाने में चमचों के माध्यम से लगा हुआ है।
ज्ञातव्य हो कि चंदवक थाना क्षेत्र के बीरीबारी गांव निवासी शमा परवीन पत्नी अरमान शाह प्रसव पीड़ा के चलते जिला महिला अस्पताल में भर्ती है और उसके साथ चिकित्सका के साथ रही उसकी सहयोगी द्वारा अमानवी व्यवहार किया गया है। जो पीड़िता के बयान पर कुछ पत्रकारों द्वारा उसकी बातों को शासन प्रशासन एवं जनता तक पहुंचाने का खबर के माध्यम से काम किया गया है। उस खबर को भ्रामक और धार्मिक भावनाएं भड़काने की कोशिश एवं अस्पताल प्रशासन द्वारा दी गई धमकी भरी चेतावनी की बात को लिखकर जिला अस्पताल प्रशासन के पक्ष में सिर्फ इसलिए समाज में फैलाया जा रहा है कि एक मेडिकल स्टोर चलाने वाले चमचों के द्वारा के कही जिला महिला अस्पताल के माध्यम से चल रहा उसका मेडिकल स्टोर कहीं बंद ना हो जाए और दाल रोटी के लाले ना पड़ जाए।






