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मलिहाबाद तहसील में प्रशासन की कार्रवाई से वकीलों में उबाल

जन एक्सप्रेस/मलिहाबाद लखनऊ:  तहसील परिसर में प्रशासन की कार्रवाई के खिलाफ वकीलों में भारी आक्रोश फैल गया है। आरोप है कि शुक्रवार देर रात प्रशासन ने बिना किसी पूर्व सूचना के वकीलों द्वारा बनाए जा रहे नवनिर्मित चैंबरों को बुलडोज़ करा दिया। इस कार्रवाई से आहत वकीलों ने आधी रात को ही तहसील गेट पर धरना शुरू कर दिया, जो शनिवार सुबह तक जारी रहा।

जातिगत टिप्पणी और रिश्वत मांगने का आरोप
वकील कपिल यादव ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि एसडीएम अंकित मौर्य ने उन पर जातिगत टिप्पणी की और कहा कि “तुम यादव हो, 20 हजार रुपए जमा करो तभी चैंबर बनाने देंगे।” कपिल यादव ने इस अपमान और मानसिक प्रताड़ना से आहत होकर शनिवार सुबह सोशल मीडिया पर सुसाइड का अल्टीमेटम भी दे दिया, जिससे पूरे क्षेत्र में हड़कंप मच गया।

रात के अंधेरे में तोड़ी गई संरचनाएं
वकीलों का कहना है कि प्रशासन ने यह कार्रवाई रात के अंधेरे में की ताकि उन्हें विरोध करने का मौका न मिले। कुछ दिन पहले ही वकीलों ने चैंबर निर्माण की प्रक्रिया शुरू की थी और पिलर खड़े कराए थे। लेकिन शुक्रवार रात अचानक प्रशासन ने ट्रैक्टर और मशीनरी के साथ पहुंचकर निर्माणाधीन ढांचे गिरवा दिए।
जरूरी सामान और नकदी गायब
वकीलों ने आरोप लगाया कि कार्रवाई के दौरान उनके जरूरी दस्तावेज, चैंबर के तीन सेट और करीब ₹50,000 की नकदी ट्रैक्टर में लाद कर ले जाई गई, जो अब तक नहीं मिली है। वकीलों ने ट्रैक्टर को रोका और उसे पुलिस को सौंप दिया। इस पूरे मामले में उन्होंने तहसील प्रशासन के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है।

धरना प्रदर्शन और मांगें

घटना से नाराज़ वकीलों ने एसडीएम की बर्खास्तगी, जातिगत टिप्पणी की उच्च स्तरीय जांच और चैंबर के नुकसान की भरपाई की मांग की है। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर जल्द न्याय नहीं मिला तो वे तहसील कार्य का बहिष्कार करेंगे और आंदोलन को ज़िला स्तर तक ले जाएंगे।

प्रशासन की चुप्पी सवालों के घेरे में
पूरे मामले पर अब तक तहसील प्रशासन की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन सोशल मीडिया पर वकीलों के विरोध और कपिल यादव के आत्महत्या की चेतावनी ने प्रशासनिक गलियारों में खलबली मचा दी है।

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