सेहत से खिलवाड़ करने वालों को हो उम्रकैद : सतीश राय

प्रयागराज । नकली खाद्य पदार्थ का सेवन स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक है। भारत सरकार द्वारा भारतीय खाद्य कानून में सख्त नियम बनाना बहुत जरूरी है। लोगों की सेहत से खिलवाड़ करने वालों को उम्रकैद की सजा हो। उत्तर प्रदेश जनसंख्या मामले में सबसे बड़ा राज्य है। मिलावटखोरों के खिलाफ सख्त कानून की शुरुआत भी प्रदेश सरकार द्वारा होनी चाहिए।
यह बातें एस के आर योग एवं रेकी शोध प्रशिक्षण और प्राकृतिक संस्थान, मधुबन विहार स्थित प्रयागराज रेकी सेंटर पर स्पर्श चिकित्सक सतीश राय ने कही। उन्होंने लोगों से कहा कि दैनिक उपभोग वाले खाद्य पदार्थ दूध, दही, घी, पनीर, मक्खन, खोवा, मसाले, तेल में मिलावट करने तथा सब्जियों और फलों को सुंदर और ज्यादा दिन तक खराब न होने के लिए जो केमिकल इस्तेमाल किया जाता है, स्वास्थ्य की दृष्टि से बहुत नुकसानदायक है। आधुनिक भारत में स्वस्थ रहने के लिए शुद्ध और पौष्टिक भोजन के साथ स्पर्श-ध्यान करना बहुत जरूरी है। स्पर्श-ध्यान प्रतिरक्षा तंत्र में सुधार लाता है, इम्यून पावर बढ़ाता है, मानसिक शांति और आत्मविश्वास में वृद्धि होती है। स्पर्श-ध्यान नकली खाद्य पदार्थों के कारण शरीर में होने वाले दुष्प्रभाव को कम करता है।
रोग का मूल कारण पाचन तंत्र में विषाक्त पदार्थों का इकट्ठा होना
सतीश राय ने कहा कि अधिकांश रोगों का मूल कारण मिलावटी खाद्य पदार्थों के कारण पाचन तंत्र में विषाक्त पदार्थों का इकट्ठा होना है। पेट, लीवर, गैस, नजर कमजोर, माइग्रेन, हड्डियों के रोग, लकवा, एलर्जी, चक्कर आना, कमजोरी जैसी बीमारियां 70 वर्ष की आयु में होती थी। वह अब 50 वर्ष के बाद ही शुरू हो जा रही है।
दुग्ध उत्पाद में सबसे ज्यादा मिलावट
सतीश राय ने कहा कि सबसे ज्यादा मिलावट दुग्ध उत्पाद मे होने से 70 प्रतिशत बीमारियां भी इसी के कारण है। दूध का उपयोग 98 प्रतिशत घरों में होता है जो सीधे सेहत से जुड़ा है। इसी तरह पेट व लीवर के रोगी को पपीता फायदा करता है, लेकिन केमिकल से पकने के कारण यह भी नुकसान करता है। पहले लोग लूज मोशन में पके केले खाते थे लेकिन इसे भी केमिकल से पकाते हैं। कमजोरी दूर करने के लिए लोग मुसम्मी का जूस पीते हैं, इसे पकाने में भी केमिकल का प्रयोग होता है जो नुकसान करता है। यही हाल सब्जियों का भी है। ऐसे में इसे रोकने के लिए सख्त कानून होना बहुत जरूरी है।
मिलावट रोकने में खाद्य सुरक्षा विभाग नाकाम
सतीश राय ने कहा 90 प्रतिशत रोग का कारण नकली खाद्य पदार्थ है। देश में मिलावटी खाना खाने से बीमारियां बढ़ने लगी हैं। जबकि इसके रोकथाम के लिए बनी खाद्य सुरक्षा विभाग नाकाम है। मिलावट रोकने के लिए कोई सख्त नियम भी नहीं है। सभी लोग जानते हैं कि त्योहारों पर सबसे ज्यादा मिलावट होती है। विभाग भी त्योहारों पर थोड़ा बहुत नाममात्र का अभियान चलाकर खाना पूर्ति करता है।