बाकी राज्यों की तरह केंद्रीय बजट से इस बार दिल्ली एमसीडी को भी मिले उसके हक का पैसा : आतिशी

नई दिल्ली । दिल्ली सरकार की वित्त मंत्री आतिशी और मेयर शैली ओबरॉय ने केंद्र सरकार से दिल्ली एमसीडी को केंद्रीय बजट में से उसके हक का हिस्सा देने की मांग की है।
शनिवार को वित्त मंत्री आतिशी और मेयर शैली ओबरॉय ने प्रेस वार्ता कर केंद्र सरकार से इस आम बजट में 10,000 करोड़ की मांग की। वित्त मंत्री ने कहा कि बाकी राज्यों की तरह केंद्रीय बजट से इस बार दिल्ली एमसीडी को भी उसके हक़ का पैसा मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि दिल्ली के लोग सालाना 2.07 लाख करोड़ रुपये इनकम टैक्स देते हैं। ऐसे में केंद्र सरकार इस साल इसका मात्र 5 प्रतिशत, 10,000 कराेड़ एमसीडी को दिल्ली को सुंदर और स्वच्छ बनाने के लिए आवंटित करें।
दिल्ली सरकार ने 10,000 करोड़ रुपये की मांग में 5000 करोड़ साफ-सफाई के लिए, 3000 करोड़ सड़कों के लिए, 2000 करोड़ पार्कों और शहर के सौंदर्यीकरण के लिए मांगा है।
आतिशी ने आगे कहा कि दिल्ली देश का एकमात्र ऐसा जहां न तो राज्य सरकार को और न ही म्युनिसिपल कॉरपोरेशन को केंद्र सरकार से पैसे मिलते हैं। जबकि केंद्र सरकार से लोकल बॉडीज़ के लिए यूपी को 13,432 करोड़, महाराष्ट्र को 7,115 करोड़ रुपये मिले हैं। केंद्र सरकार 2.07 लाख करोड़ इनकम टैक्स देने वाले दिल्लीवालों के साथ ये नाइंसाफी क्यों कर रही है।
मेयर शैली ओबरॉय ने कहा कि जब दिल्ली के लोग ईमानदारी से टैक्स देते हैं तो शहर की तरक़्क़ी के लिए उन्हें अपने हक़ का पैसा मिलना चाहिए, इस बजट में एमसीडी को पैसा मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार ने अपने बजट से एमसीडी को 6060 करोड़ रुपये आवंटित कर अपनी ज़िम्मेदारी निभाई है। अब केंद्र सरकार एमसीडी को उसके हक़ का पैसा देकर अपनी ज़िम्मेदारी निभाए।
मेयर ने कहा कि केंद्र सरकार सभी राज्यों और उनके म्युनिसिपल कॉरपोरेशन के लिए बजट से पैसा देती है, लेकिन दिल्ली को ये पैसा नहीं मिलता है। इसे लेकर मैंने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जी को पत्र लिखा है कि दिल्ली के लोग टैक्स देते हैं। ऐसे में उन्हें अपने हक का पैसा मिलना चाहिए, एमसीडी को पैसा मिलना चाहिए।
उन्होंने कहा कि हमें दिल्ली सरकार से एमसीडी को 2023-24 में 5500 करोड़ रुपये का ग्रांट मिली। इस साल ये बढ़कर 6060 करोड़ रुपये हो गयी। इन पैसों का इस्तेमाल शिक्षा के लिए, शहर की साफ़-सफ़ाई के लिए, कर्मचारियों का वेतन देने के लिए किया जाता है। दिल्ली सरकार ने अपनी ज़िम्मेदारी निभाई है और अब केंद्र सरकार अपनी ज़िम्मेदारी निभाये और दिल्ली म्युनिसिपल कॉरपोरेशन को इस बजट में 10,000 करोड़ रुपये का आवंटन दे। ये दिल्ली के लोगों द्वारा दिए जाने वाले इनकम टैक्स का मात्र 5 प्रतिशत है। ये पैसा दिल्ली के लोगों का हक है।