महायुति का लक्ष्य 45 लोकसभा सीटें जीतना है
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शनिवार को बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि पार्टी को बचाने के लिए उद्धव ठाकरे के खिलाफ उन्हें विद्रोह करना पड़ा था। वर्ष 2022 की जून में शिवसेना पार्टी में विभाजन हो गया था। पुणे जिले में राजगुरुनगर में ‘शिव संकल्प’ रैली के दौरान मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने ये बयान दिया है। इसके साथ ही उन्होंने लोकसभा चुनाव के लिए अभियान की शुरुआत की है।
शिवसेना को बचाने के लिए मैंने विद्रोह किया था: शिंदे
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शनिवार को कहा कि उन्होंने शिवसेना को बचाने के लिए 2022 में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व के खिलाफ विद्रोह कर पार्टी को विभाजित किया था। पुणे जिले के राजगुरुनगर में शिव संकल्प रैली में लोकसभा चुनाव के लिए उनके नेतृत्व वाले शिवसेना गुट के अभियान की शुरुआत करते हुए शिंदे ने यह बात कही। शिंदे ने कहा, मैंने ईमानदारी के साथ और पार्टी को बचाने के इरादे से रुख तय किया। शिंदे के विद्रोह की वजह से उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना, कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) की गठबंधन सरकार गिर गई थी, जिसके बाद वह भाजपा से गठबंधन कर मुख्यमंत्री बन गए थे।
इस मामले पर शिंदे ने कहा कि एकनाथ शिंदे ने कहा कि वर्ष 1995 में पहली बार शिवसेना ने भाजपा के साथ गंठबंधन किया था। शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे महाराष्ट्र के मुख्यमत्री बन सकते थे मगर उन्होंने पार्टी कार्यकर्ता को इसका मौक दिया। उद्धव ठाकरे पर निशाना साधते हुए एकनाथ शिंदे ने कहा कि किसी ना वादा किया था कि पार्टी कार्यकर्ता मुख्यमंत्री बनेगा मगर वो खुद ही मुख्यमंत्री की कुर्सी पर काबिज हो गए।
बता दें कि वर्ष 2019 में भाजपा के साथ शिवसेना ने वर्षों पुराना गठबंधन तोड़ था। पार्टी ने गठबंधन ये कहकर तोड़ा था कि वो अपने दिवंगत पिता से किया वादा निभाना चाहते है। पार्टी के ही कार्यकर्ता को राज्य में मुख्यमंत्री का पद दिया जाएगा। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किए गए कामों को स्वीकार किया, जिसका असर हाल ही में हुए चार राज्यों के चुनाव परिणाम में देखने को मिला है।