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वित्त का प्रबंध नहीं होने की वजह से रोकना पड़ा मुंद्रा

अडाणी समूह ने कहा है कि वित्त का प्रबंध नहीं होने की वजह से उसे गुजरात के मुंद्रा में 34,900 करोड़ रुपये की पेट्रोरसायन परियोजना का काम रोकना पड़ा है। समूह अमेरिकी निवेश कंपनी हिंडनबर्ग की रिपोर्ट से हुए नुकसान के बाद अपने परिचालन को मजबूत करने और निवेशकों की चिंताओं को दूर करने के लिए संसाधनों पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। समूह की प्रमुख कंपनी अडाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड (एईएल) ने 2021 में एक नया कोयले से पीवीसी बनाने का संयंत्र स्थापित करने के लिए पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी मुंद्रा पेट्रोकेम लिमिटेड (एमपीएल) का गठन किया था।
यह संयंत्र गुजरात के कच्छ जिले में अडाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकॉनमिक जोन (एपीएसईजेड) में लगाया जाना था। परियोजना का काम रोकने संबंधी पीटीआई-की रविवार को प्रकाशित एक रिपोर्ट पर शेयर बाजारों द्वारा जवाब मांगने पर एईएल ने कहा, “एमपीएल की हरित पीवीसी परियोजना की वित्तीय संस्थानों के साथ वित्तीय मामलों को लेकर बातचीत लंबित है और इस पर सक्रियता से विचार किया जा रहा है।” एईएल ने कहा, “बाजार की हालिया गतिविधियों को देखते हुए प्रबंधन ने इंजीनियरिंग डिजायन और वित्त के प्रबंध समेत अन्य काम तेज गति से जारी रखने का निर्णय लिया है।”

कंपनी ने कहा, “प्रमुख उपकरणों की खरीद और निर्माण कार्य को रोक दिया गया है। हम अगले छह महीनों में वित्त का प्रबंध होने की उम्मीद कर रहे हैं, जिसके बाद पूरी क्षमता से खरीद व निर्माण कार्य बहाल होगा।” हिंडनबर्ग रिसर्च की 24 जनवरी को रिपोर्ट आने के बाद अडाणी समूह के मूल्यांकन में लगभग 140 अरब अमेरिकी डॉलर की गिरावट आई है।

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