चित्रकूट

नांदिन कुर्मियान पराको माइनर पर भूमाफियों का कब्ज़ा, अधिकारी नहीं ले रहे एक्शन

लघुडाल सिंचाई विभाग द्वारा निर्मित नांदिन कुर्मियान पराको माइनर भूमाफियों के भेंट चढ़ चुका हैं इस माइनर में भूमाफियों ने नहर व नहर पटरी में मकान निर्माण करा लेने के कारण नहर नेस्तनाबूद हो गया

जन एक्सप्रेस/चित्रकूट। राजापुर तहसील क्षेत्र अन्तर्गत लघुडाल सिंचाई विभाग द्वारा निर्मित नांदिन कुर्मियान पराको माइनर भूमाफियों के भेंट चढ़ चुका हैं इस माइनर में भूमाफियों ने नहर व नहर पटरी में मकान निर्माण करा लेने के कारण नहर नेस्तनाबूद हो गया है ग्रामीणों ने हो रहे अवैध कब्जे के विषय मे सिचाई विभाग के उच्च अधिकारियों को व जिले के जिम्मेदार अधिकारियों को कई बार अतिक्रमण हटाये जाने के लिए प्रार्थना पत्र दिए थे लेकिन कोई भी अधिकारी अतिक्रमण को हटाने की कोशिश नहीं कर रहा है जबकि जनपद चित्रकूट के सिंचाई विभाग के सहायक अभियंता द्वारा अतिक्रमणकारियों को नोटिस भी दी गई थी लेकिन उसका कोई असर नहीं दिखाई पड़ा हैं।

बताते चले कि चिल्लीराकस पम्प कैनाल की दक्षिणी शाखा से नांदिन कुर्मियान पराको माइनर का निर्माण लगभग 25 वर्ष पहले किसानों के हर खेत मे पानी पहुंचाये जाने के उद्देश्य से निर्माण किया गया था जिसमे ग्रामीण भगवानदीन,देवीदयाल, शिवशंकर,कमलदेवी ने बताया कि पराको माइनर की पटरी व नहर में सुखदयाल साहू पुत्र सरजो प्रसाद निवासी राजापुर व शिवनायक पुत्र बोदल निवासी पराको,कमलेश सोनी पुत्र छेतानी निवासी कस्बा राजापुर जो नहर व पटरी में अवैधानिक तरीके से कब्जा कर मकान का निर्माण करा लिया है और पटरी के आम रास्ते को बंद कर दिया है।

ग्रामीणों ने बताया कि पूर्व में जब इन भूमाफियों के द्वारा नहर व पटरी में अवैध अतिक्रमण किया जा रहा था तभी तत्कालीन जिलाधिकारी व सिचाई विभाग के अधिशासी अभियंता को रोकने के लिए शिकायती प्रार्थना पत्र दिया गया था लेकिन कोई कार्यवाही न होने के कारण भूमाफियों के द्वारा नहर की पटरी में चंद रुपयों द्वारा सिचाई विभाग अधिकारियों से खरीदने की बात भूमाफियों के द्वारा की जा रही है तथा उक्त मकान बन जाने के कारण खेतो में पानी नही पहुच पाता हैं जिसके कारण हमारे खेत आज भी परती पड़े रहते हैं उक्त ग्रामीणों ने जिलाधिकारी चित्रकूट व अधिशाषी अभियंता सिचाई विभाग से मांग किया हैं कि उक्त नहर व पटरी में बने भवनों को हटाकर नहर की सरकारी जमीन को खाली कराकर आम रास्ता खोलवाने की पुरजोर मांग किया हैं और कहा है कि यदि सिचाई विभाग के अधिकारियों द्वारा कार्यवाही सुनिश्चित नही की गई तो ग्रामीण विवश होकर सत्याग्रह आंदोलन के लिए बाध्य हो जाएंगे ।

अधिशासी अभियंता सिंचाई चित्रकूट अखिल कुमार का कहना है कि पूरे प्रकरण को संज्ञान में लिया जाएगा और पूर्व में दी गई नोटिस के आधार पर नहर की जमीन को और नहर को दबंगों से मुक्त करने के लिए प्रशासनिक सहयोग लेकर आवश्यक कार्यवाही की जाएगी यदि जरूरत पड़ी तो दोबारा नोटिस जारी किया जाएगा और पूरे नहर को जीवंत कर किसानों को पानी देने के लिए आवश्यक कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।

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