विदेश

ओली के प्रधानमंत्री बनते ही पांच साल से रुके नेपाल-चीन संयुक्त सैन्य अभ्यास को हरी झंडी

Listen to this article

काठमांडू । केपी शर्मा ओली के नेपाल का प्रधानमंत्री बनते ही चीन के पक्ष में एक के बाद एक निर्णय किए जा रहे हैं। इस क्रम में ओली सरकार ने पहले चीनी सोशल मीडिया एप टिकटॉक पर लगे प्रतिबंध को हटाने का फैसला किया। इसके बाद नेपाल के पूर्वाधार विकास के लिए दी जाने वाली परियोजना काे बीआरआई के तहत करने की घोषणा की गई। अब पिछले पांच साल से रुके चीन के साथ संयुक्त सैन्य अभ्यास को फिर से आगे बढ़ाने को मंजूरी दी गई है।

नेपाली सेना ने नेपाल और चीन के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास को फिर से शुरू करने की तैयारी शुरू कर दी है। सन 2019 से कोविड महामारी के कारण रुका हुआ सैन्य ड्रिल का चौथा संस्करण इस महीने के अंत में चीन में आयोजित किए जाने की जानकारी दी गई है।

नेपाली सेना मुख्यालय के मुताबिक यह संयुक्त सैन्य अभ्यास 21 सितंबर से शुरू होगा और 10 दिनों तक चलेगा। हालाँकि चीन सख्त स्वास्थ्य प्रतिबंधों के कारण महामारी के बाद शुरुआती वर्षों में अभ्यास को फिर से शुरू करने में झिझक रहा था लेकिन अब वह आगे बढ़ने के लिए सहमत हो गया है।

अधिकारियों के अनुसार निवर्तमान सेना प्रमुख प्रभु राम शर्मा ने नेपाल सेना और चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के बीच संयुक्त अभ्यास को पुनर्जीवित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। सेना के प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल गौरव कुमार केसी ने बताया कि संयुक्त अभ्यास में सहभागिता को लेकर अंतिम तैयारी की जा रही है।

सैन्य सूत्रों के मुताबिक निवर्तमान सेनाध्यक्ष शर्मा ने चीनी पक्ष को प्रस्ताव दिया था कि उनकी सेवानिवृत्ति से पहले अभ्यास की तारीखों की पुष्टि की जाए। शर्मा सोमवार को आधिकारिक तौर पर सेवानिवृत्त हो गए और नेपाली सेना का नेतृत्व अशोक राज सिगडेल को सौंप दिया गया है। अभ्यास की तैयारी में शर्मा ने अपने वरिष्ठ अधिकारी प्रेमध्वज अधिकारी को चर्चा के लिए बीजिंग भेजा था। अधिकारी की वापसी के तुरंत बाद अंतिम तिथियां निर्धारित की गई हैं।

सागरमाथा मैत्री अभ्यास के रूप में जाना जाने वाला यह अभ्यास पहली बार 2017 में शुरू हुआ, जिसने नई दिल्ली और वाशिंगटन दोनों का ध्यान आकर्षित किया था । इस वर्ष का सैन्य अभ्यास संस्करण छंगदु में होगा। 2017 से पहले नेपाल और चीन के बीच कोई संयुक्त सैन्य अभ्यास आयोजित नहीं किया गया था।

भारत, अमेरिका और अन्य देशों ने नेपाल और चीन के बीच बढ़ते सैन्य सहयोग को भू-राजनीतिक तनाव के चश्मे से देखते हुए चिंता व्यक्त की है। हाल ही में, चीन ने विकास और सुरक्षा दोनों क्षेत्रों में नई वैश्विक पहल शुरू की है, जैसे कि वैश्विक सुरक्षा पहल (जीएसआई), जिसने भारत और पश्चिमी देशों में और अधिक हलचल पैदा कर दी है। हालाँकि, नेपाल ने चीन को सूचित कर दिया है कि वह जीएसआई का हिस्सा नहीं हो सकता।

नेपाली सेना का कहना है कि ये संयुक्त अभ्यास नियमित है, भारत और अमेरिका सहित अन्य देशों के साथ किए जाने वाले सैन्य अभ्यास के समान ही है। उदाहरण के लिए, नेपाल और भारत दोनों देशों के बीच हर साल सूर्य किरण सैन्य अभ्यास आयोजित करते हैं।

 

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button