अब सरकारी नौकरी में 77% आरक्षण
रांची: विधानसभा ने आरक्षण को बढ़ाकर 77 प्रतिशत करने संबंधी एक विधेयक को शुक्रवार को पास कर दिया। विधानसभा के विशेष सत्र में झारखंड पदों और सेवाओं की रिक्तियों में आरक्षण अधिनियम, 2001 में संशोधन पारित करके एससी, एसटी, ईबीसी, ओबीसी और आर्थिक रूप से कमजोर तबके (ईडब्लयूएस) के लिए सरकारी नौकरियों में आरक्षण 60 प्रतिशत से बढ़ा कर 77 फीसदी कर दिया है।
विधेयक में कहा गया है कि राज्य संविधान की नौवीं अनुसूची में बदलाव करने का केंद्र सरकार से आग्रह करेगा। प्रस्तावित आरक्षण में अनुसूचित जाति के स्थानीय लोगों को 12 फीसदी कोटा मिलेगा। अनुसूचित जानजातियों को 28 फीसदी आरक्षण का लाभ मिलेगा। अति पिछड़ा वर्ग (ईबीसी) को 15, ओबीसी को 12 और आर्थिक रूप कमजोर तबगे (EWS) को 10 फीसदी कोटा है।
झारखंड में अनुसूचित जनजाति को 26 फीसदी आरक्षण मिलता है जबकि अनुसूचित जाति के लिए 10 फीसदी कोटा है। ओबीसी के लिए 14 फीसदी का कोटा निर्धारित है। सत्ताधारी झारखंड मुक्ति कोर्चा, कांग्रेस, आरजेडी समेत मुख्यधारा की सभी पार्टियों ने 2019 के विधानसभा चुनाव में इसके बढ़ाने का वादा किया था। भाजपा विधायकों के प्रदर्शन के बीच विधेयक को पास कर दिया गया। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने विधेयक को राज्य के लोगों के लिए ‘सुरक्षा कवच’ बताया।