भारत एकदिवसीय क्रिकेट विश्व कप 2023 के लिए पूरी तरह से तैयार है। इसके लिए 10 स्थान पूरे भारत से चुने गए हैं। अहमदाबाद के अलावा, अन्य मेजबान शहरों में बेंगलुरु, चेन्नई, कोलकाता, दिल्ली, धर्मशाला, हैदराबाद, लखनऊ और पुणे शामिल हैं। 27 जून को अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) द्वारा कार्यक्रम की घोषणा के बाद से, इस प्रतिष्ठित आयोजन के लिए भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) द्वारा स्थानों की पसंद को लेकर महत्वपूर्ण विवाद शुरू हो गया है।
क्यों हो रहा विवाद
बीसीसीआई पर आरोप लग रहे हैं कि उसने स्टेडियम में चयन में पक्षपात किया किया है। सोशल मीडिया पर भी इसकी खूब चर्चा हो रही है। साथ ही साथ नेताओं के ओर से भी सवाल उठाए जा रहे हैं। एक यूजर ने लिखा कि हैदराबाद स्टेडियम भारत का चौथा सबसे बड़ा क्रिकेट स्टेडियम है, जिसकी क्षमता 55 हजार है और यह शुष्क पठारी क्षेत्र में है, यहां बारिश की न्यूनतम संभावना है और कोई ओस कारक नहीं है, इसलिए मैच टॉस पर निर्भर नहीं होगा, मुझे लगता है कि यह मुंबई और अहमदाबाद से बेहतर है जहां ओस कारक बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। एन के लिखा कि भारत का पहला मैच हैदराबाद में नहीं देना बहुत अनुचित है, यहां तक कि सामान्य दिनों में भी टिकटों की ऊंची कीमतों के बावजूद टिकटें एक घंटे में बिक गईं, हैदराबाद के प्रशंसक सबसे अधिक भावुक प्रशंसक थे, जय शाह और बीसीसीआई को यहां गंभीर स्पष्टीकरण की आवश्यकता है।
नेताओं ने भी उठाए सवाल
इसके अलावा मोहाली और जयपुर को भी मैच की मेजबानी नहीं मिली है। इसी को लेकर पंजाब के खेल मंत्री गुरमीत सिंह मीत हेयर ने अपनी चिंता व्यक्त की और कहा कि राजनीति ने निर्णय लेने की प्रक्रिया को प्रभावित किया होगा। उन्होंने इस बात पर निराशा जताई कि जिस स्टेडियम ने कई भारतीय क्रिकेट सुपरस्टार दिए, उसे एक भी मैच नहीं मिला। कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने भी विश्व कप मुकाबलों से तिरुवनंतपुरम के स्पोर्ट्सहब को बाहर किए जाने पर निराशा व्यक्त की। उन्होंने टिप्पणी की कि ऐसा लगता है कि अहमदाबाद देश की क्रिकेट राजधानी के रूप में प्रमुखता हासिल कर रहा है।
बीसीसीआई का जवाब
बीसीसीआई उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला ने खुलासा किया कि मोहाली का आईएस बिंद्रा स्टेडियम आईसीसी के मानकों पर खरा नहीं उतरता जबकि मुल्लांपुर स्टेडियम पर काम चल रहा है। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि मोहाली का मौजूदा स्टेडियम आईसीसी के मानकों पर खरा नहीं उतरा और इसलिए उसे मैचों से वंचित कर दिया गया। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि उन्हें मैच नहीं दिये जायेंगे। उन्हें द्विपक्षीय सीरीज के मैच दिए जाएंगे, यह रोटेशनल सिस्टम पर आधारित है। उन्होंने कहा कि कोई ‘पिक एंड चूज़’ नहीं किया गया है। आयोजन स्थलों को अंतिम रूप देने में आईसीसी की सहमति अहम है। त्रिवेन्द्रम में पहली बार वार्म-अप मैच की मेजबानी दी गई है।