पाकिस्तान की अदालत ने इमरान खान की जमानत पर फैसला सुरक्षित रखा
लाहौर । पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद लाहौर उच्च न्यायालय ने पिछले सप्ताह भ्रष्टाचार के एक मामले में उनके समर्थकों द्वारा किए प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा के मामले में पंजाब प्रांत में अपने खिलाफ दर्ज सभी मामलों में जमानत के अनुरोध वाली खान की याचिका पर मंगलवार को फैसला सुरक्षित रख लिया।
खान (70) ने शनिवार को याचिका दायर की थी। एक दिन पहले उन्हें इस्लामाबाद उच्च न्यायालय से जमानत पर रिहा किया गया था। सुनवाई की शुरुआत में अदालत ने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के प्रमुख खान की गैर मौजूदगी को लेकर सवाल पूछा। इसके जवाब में खान के वकील ने कहा कि वह पूर्वाह्न 11 बजे अदालत में पेश होंगे।
पंजाब की अंतरिम सरकार का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील ने जमानत याचिका का विरोध किया और कहा कि इसे मंजूरी नहीं दी जानी चाहिए। वकील ने कहा, इमरान अदालत में पेश भी नहीं हुए हैं और वे गिरफ्तारी से बचने के लिए सुरक्षात्मक जमानत चाहते हैं। इस पर खान के वकील ने दलील दी कि पीटीआई प्रमुख अग्रिम जमानत मांग रहे हैं न कि सुरक्षात्मक जमानत। खान के वकील ने मामला बड़ी पीठ को भेजने का अनुरोध किया।
याचिका में कहा गया है, मुझे राजनीतिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है। मुझे गिरफ्तारी का अंदेशा है क्योंकि मेरे खिलाफ कई मामले दर्ज किए गए हैं। पीटीआई प्रमुख ने इस मामले में पंजाब के महानिरीक्षक और महाधिवक्ता को प्रतिवादी बनाया है। खान शुक्रवार को जमानत मिलने के बावजूद गिरफ्तारी के डर से घंटों इस्लामाबाद उच्च न्यायालय परिसर से बाहर नहीं निकले थे, हालांकि बाद में वह शनिवार को अपने लाहौर स्थित घर लौट आए।
इस बीच, इस्लामाबाद ने हिंसा भड़काने और राजद्रोह से जुड़े दो मामलों में पीटीआई प्रमुख खान की जमानत आठ जून तक बढ़ा दी। इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने नौ मई के बाद दर्ज सभी मामलों में 70 वर्षीय खान की गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए