उत्तराखंड

पतंजलि आयुर्वेद को प्रमाणों व वैज्ञानिक डेटा के साथ दुनिया में ले जा रहा हैः कमलेश पटेल ‘दा’ जी

हरिद्वार । आध्यात्मिक मार्गदर्शक, हार्टफुलनेस मेडिटेशन ट्रस्ट के अन्तरराष्ट्रीय प्रमुख तथा पद्म भूषण पुरस्कार विजेता कमलेश पटेल ‘दा’ जी पतंजलि विश्वविद्यालय पहुंचे। विश्वविद्यालय के सभागार में विशेष वार्ता और ध्यान सत्र का संचालन किया गया। इस अवसर पर योगऋषि स्वामी रामदेव, आचार्य बालकृष्ण व उत्तराखंड के शिक्षा मंत्री धनसिंह रावत उपस्थित रहे। यह कार्यक्रम प्रतिभागियों को हार्टफुलनेस के योग और ध्यान सत्र से जुड़ने तथा आध्यात्मिकता और चेतना के विकास पर दा जी का मार्गदर्शन प्राप्त करने हेतु आयोजित किया गया था।

इस अवसर पर दा जी ने पतंजलि अनुसंधान संस्थान का भ्रमण कर पतंजलि की शोधपरक गतिविधियों का अवलोकन किया। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद के क्षेत्र में पूर्ण वैज्ञानिक मापदण्ड के अनुरूप शोध अंतरराष्ट्रीय स्तर पर केवल पतंजलि में ही किया जा रहा है। आयुर्वेद प्रामाणिक उपचार पद्धति है, लेकिन पश्चिमी दुनिया को यह बताने के लिए प्रमाणों तथा वैज्ञानिक डेटा की आवश्यकता है, जो पतंजलि के द्वारा किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि ध्यान को सहज और सुखमय बनाओ, नहीं तो वह बोझ बन जाएगा। साधना का अभ्यास इस तरह करें कि दूसरे आपसे प्रेरणा लें।

इस अवसर पर योगऋषि स्वामी रामदेव ने कहा कि श्री राम चन्द्र मिशन हार्टफुलनेस का कुशल नेतृत्व आज दा जी जैसा व्यक्तित्व कर रहा है। उन्होंने कहा कि व्यवसाय, कार्य और सांसारिक जीवन का अपना स्थान है, लेकिन ध्यान और आत्मा वास्तविकता है। दा जी ने हमें इस संतुलन को बनाए रखने हेतु प्रेरित किया है।

कार्यक्रम में आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि जब एक संतति संन्यासी बन जाता है, तो वह 21 पीढ़ियों के उद्धार में सहायक होता है। लेकिन जब एक संन्यासी दिव्य हो जाता है, तो वह सारे संसार का उद्धार करता है।

शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि हमारा सौभाग्य है कि आज यहां दा जी और बाबा रामदेव जैसे महानायक एक साथ उपस्थित हैं। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद एक प्राचीन विज्ञान है जो हमें हमारे ऋषियों द्वारा अनुसंधित है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button