सरकारी विज्ञापन से नदारद अमित शाह की तस्वीर
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे गृह मंत्री, अखिलेश यादव का तंज— ‘उन्हें किसी और को कह दिया अपना मित्र’

जन एक्सप्रेस/लखनऊ : उत्तर प्रदेश सरकार के एक सरकारी विज्ञापन से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की तस्वीर नदारद होना अब राजनीतिक चर्चा का बड़ा विषय बन गया है। खास बात यह है कि अमित शाह जिस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि थे, उसी के प्रचार-प्रसार के लिए जारी किए गए आधिकारिक इश्तिहार में उनकी तस्वीर शामिल नहीं की गई।
यह कार्यक्रम यूपी पुलिस के नव नियुक्त आरक्षियों को नियुक्ति पत्र देने को लेकर आयोजित किया गया था। गृह मंत्री अमित शाह ने इस मौके पर मंच से संबोधन भी दिया, लेकिन पोस्टर से उनका चेहरा नदारद रहा।
अखिलेश यादव का तीखा तंज
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने सोशल मीडिया पर तंज कसते हुए लिखा:
“उन्होंने इश्तिहार में न लगाया उनका चित्र, उन्हें किसी और को कह दिया अपना मित्र!”
अखिलेश यादव के इस बयान के बाद मामला और गर्मा गया है
राजनीतिक गलियारों में उठ रहे सवाल
विज्ञापन से गृह मंत्री की तस्वीर न होना क्या केवल एक ‘तकनीकी चूक’ थी या इसके पीछे कोई सियासी रणनीति? यह सवाल अब भाजपा के भीतर संभावित गुटबाज़ी की ओर भी इशारा कर रहा है।
राजनीतिक विश्लेषक इसे भाजपा के केंद्र और राज्य नेतृत्व के बीच संबंधों के दृष्टिकोण से भी देख रहे हैं।
बीजेपी खेमे की चुप्पी, विपक्ष सक्रिय
इस पूरे विवाद पर भारतीय जनता पार्टी की ओर से अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन विपक्ष इसे मुद्दा बनाने में जुट गया है।
इस ‘गायब तस्वीर’ को लेकर विपक्ष का कहना है कि भाजपा के भीतर सब कुछ ठीक नहीं चल रहा।
चुनाव से पहले सवालों में छिपा संकेत?
विज्ञापन में अमित शाह की गैर-मौजूदगी को कुछ विश्लेषक आगामी चुनावों की तैयारी से भी जोड़कर देख रहे हैं। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा नेतृत्व इस पर क्या प्रतिक्रिया देता है और आने वाले दिनों में यह मुद्दा कितनी राजनीतिक जमीन तैयार करता है।






