उत्तराखंड

कांवड़ियों के मोटरसाइिकल से पटाखे छोड़ने पर प्रतिबंध के पुलिस के दावे फुस्स

देहरादून । कांवड़ यात्रा शुरू होने से पूर्व पुलिस ने दावा किया था कि शहर के अन्दर कांवड़ियों को घुसने नहीं दिया जायेगा लेकिन अधिकारियों के दावे फुस्स होते दिखायी दे रहे हैं। यहां धड़ल्ले से कांवड़िये मोटरसाइकिलों से पटाखे छोड़ते घूमते दिखायी दे रहे हैं और पुलिस प्रशासन उनके सामने मौन दिखायी दिया।

प्रत्येक वर्ष कांवड़ यात्रा शुरू होने से पूर्व देहरादून के पुलिस अधिकारी दावे करते दिखायी देते हैं कि कांवड़ियों को शहर के अन्दर प्रवेश नहीं करने देंगे तथा मसूरी की तरफ तो उनका जाना ही नामुमकिन होगा। अधिकारी दावे करते हैं और उनको दावों को कांवड़ यात्री झूठा साबित करते हुए धड़ल्ले से शहर व मसूरी में दिखायी देते हैं। अब पुलिस अधिकारी इस बात से इंकार भी कर सकते क्योंकि कई बार कांवड़ यात्रियों की मसूरी में स्थानीय लोगों से मारपीट के मामले भी सामने आये और मुकदमे भी दर्ज हुए, इसलिए पुलिस अधिकारी इस बात को नकार नहीं सकते कि कांवड़ यात्री इस दौरान दून में नहीं आये और न ही वह कभी मसूरी गये।

पुराने दावे इस बार भी किये गये। दून पुलिस के द्वारा कांवड यात्रा शुरू होने से पूर्व दावा किया गया कि यहां पर कांवड़ियों को प्रवेश नहीं होने दिया जायेगा तथा बगैर साइलेंसर वाली मोटरसाइकिलों पर अगर कोई कांवड़ियां दून में आया तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी, लेकिन पुलिस अधिकारियों के दावों को पलीता लगाते दून के दिल घंटाघर से सुबह से सैकड़ों कांवड़िये जानबूझ कर पटाखे छोड़ते हुए निकल रहे हैं, लेकिन यहां पर पुलिस अधिकारियों व यातायात पुलिस के किसी भी जवान को नहीं देखा गया कि उसने इनके खिलाफ कोई कार्रवाई तो छोड़ो इनको रोकने का प्रयास भी किया हो।

जबकि यातायात पुलिस के कई जवान जिनमें से सीपीयू कर्मी घंटाघर पर खडे़ होकर अपने कर्त्तव्य को इस प्रकार निभाते हैं जैसे इनसे ज्यादा यातायात के नियमों का पालन कराने वाला कोई नहीं होगा, लेकिन कांवड़ियों के सामने यह भी बौने साबित होते दिखायी दिये।

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