राहुल-प्रियंका गांधी को नहीं जाने दिया संभल, यूपी बॉर्डर पर रोका

जन एक्सप्रेस लखनऊ: संभल में हुई हिंसा का राजनीतिकरण तेजी से हो रहा है। विपक्षी दलों के नेता संभल के आरोपियों को निर्दोष बताकर उनके परिजनों से मुलाकात करने पर अड़े हैं। कभी समाजवादी पार्टी के नेता तो कभी कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों के नेता संभल जाने के लिए निकल पड़ते हैं, जबकि सभी को इस बात की अच्छी तरह से जानकारी है कि संभल में 10 दिसंबर तक राजनेता और सामजिक कार्यकर्ताओं के आने जाने पर पूरी तरह से रोक लगी है। लोकसभा नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा भी बुधवार को संभल जाने के लिए निकले थे, लेकिन दोनों नेताओं को उत्तर प्रदेश के बॉर्डर पर ही रोक दिया गया। उनका काफिला को अब दिल्ली के लिए लौट रहा है।
हिंसा में मारे गए लोगों के परिजनों से मिलना चाहते थे राहुल-प्रियंका
संभल जाने वालों में राहुल और प्रियंका गांधी के साथ कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल, केएल शर्मा, उज्जल रमन सिंह, तनुज पूनिया और इमरान मसूद शामिल थे। ये नेता संभल हिंसा में मारे गए लोगों के परिजनों से मिलकर उन्हें सांत्वना देना चाहते हैं। हालांकि कांग्रेस नेताओं के रवाना होने से पहले ही दिल्ली के बॉर्डर पर पुलिस पूरी तरह से मुस्तैद थी।
दो घंटे की मशक्क्त के बाद लौटे भाई-बहन
संभल जाने की जिद पर अड़े राहुल और प्रियंका गांधी की करीब दो घंटे तक यूपी बार्डर पर पुलिस के साथ बातचीत जारी रही। इस दौरान उनके काफिले ने आगे बढ़ना चाहा, लेकिन पुलिस की बेरिकेडिंग के चलते ऐसा नहीं हो सका और दो घंटे की मशक्कत के बाद उन्हें वापस लौटना पड़ा। सूत्रों की मानें तो अब कांग्रेस नेता सीधे संसद भवन जाएंगे और वहां संभल हिंसा के पीड़ितों से नहीं मिलने देने का मुद्दा उठाएंगे।